Kamal Nath vs Akhilesh Yadav: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार जोर शोर से चल रहा है. सभी राजनीतिक दल एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर की गई टिप्पणी ने बवाल खड़ा कर दिया है.
कांगेस नेता के बयान पर अब सपा ने भी पटलवार किया है. सपा सांसद ने कमलनाथ को 'छुटभइया' नेता बताया है तो अखिलेश ने भी उनके नाम को लेकर तंज कस डाला है. बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद 'इंडी गठबंधन' में लड़ाई की शुरुआत होने की बात कह रहे हैं.
'यह सही कहा कि वखिलेश कौन हैं?'
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस नेता कमल नाथ के बयान पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का कहना है, "उन्होंने ये सही कहा कि वखिलेश कौन हैं? अखिलेश तो हैं ना. अगर वो इस तरह की बातें कहेंगे तो समाजवादी पार्टी भी इन बातों को कह सकती है, लेकिन हम उसमें उलझना नहीं चाहते."
'नाम में 'कमल' वाले वखिलेश ही कहेंगे, अखिलेश नहीं'
उन्होंने यह भी कहा कि हमारे और कमलनाथ के रिश्ते बहुत अच्छे हैं. उनका नाम बहुत अच्छा है जिनके नाम में 'कमल' है, वे वखिलेश ही कहेंगे, अखिलेश नहीं...''
'इन पर कुछ नहीं कहना चाहते, 'छुटभैया' नेता हैं'
समाजवादी सांसद रामगोपाल यादव ने कमलनाथ समेत कांग्रेस नेताओं के बयानों पर पूछे गए सवालों पर कहा, "मैं कुछ नहीं कहना चाहता. हम इन पर कुछ नहीं कहना चाहते. वे 'छुटभैया' नेता हैं...
इंडी गठबंधन मामले पर सांसद ने कहा कि इस मामले पर पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कह चुके हैं, इस पर बात को दोहराने की जरूरत नहीं है."
'अवसरवादी गठबंधन है जहां स्वार्थ का टकराव होगा ही'
सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर कांग्रेस के बयान पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''यह तो होने ही था... यह लोग भाजपा को हराने चलें हैं. आपस में शिष्टाचार को घोर अभाव है. यह विकल्प की बात करते हैं. अवसरवादी गठबंधन हैं जहां स्वार्थ का टकराव होना ही है. अब यह हो गया है.
'अखिलेश यादव के लिए अपशब्दों का प्रयोग कर रहे'
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अखिलेश यादव कह रहे हैं कि विधानसभा में गठबंधन नहीं होगा. उन्होंने पूछा तो क्या लोकसभा में होगा? कांग्रेस नेता कमलनाथ अखिलेश यादव के लिए ऐसे अपशब्दों को प्रयोग कर रहे हैं.
'नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था बन रहा'
उन्होंने कहा क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में देश दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था बन रहा है. दूसरी तरफ लोग लड़ रहे हैं. इस देश के लोग सब कुछ जानते हैं."
पिछला चुनाव 52 सीटों पर लड़ी थी समाजवादी पार्टी
बता दें पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 52 सीटों पर चुनाव लड़ा था. सपा सिर्फ एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी. उसने राज्य में सरकार बनाने के लिए बहुमत से पीछे रही कांग्रेस पार्टी को समर्थन भी दिया था. मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे जिसके परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे.
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