नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान का राज खत्म हो चुका है. कांग्रेस ने यहां 15 सालों बाद सत्ता का स्वाद चखा है. कांटे की टक्कर में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर जरूर उभरी लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में बीजेपी आगे निकल गई. यही वजह है कि बीजेपी नेता लगातार दावे कर रहे हैं कि जनता ने उसे खारिज नहीं किया है. कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही जब कल मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्होंने कहा कि वह सिर्फ संख्याबल में पिछड़े हैं. जनता का विश्वास बरकरार है.
अब चुनाव नतीजों पर गौर करें तो बीजेपी को 40 प्रतिशत और कांग्रेस को 40.9 प्रतिशत वोट मिले हैं. 15,642,980 लोगों ने बीजेपी पर भरोसा जताया है. जबकि उससे 47,827 कम वोट कांग्रेस को मिले. पार्टी पर 15,595,153 लोगों ने भरोसा जताया. कांग्रेस को अधिक सीटें मिलने की बड़ी वजह दो उम्मीदवारों के बीच वोटों की संख्या में कहीं काफी कम और कहीं ज्यादा होना है.
केवल मध्य प्रदेश में 200+ का था टारगेट, 5 राज्यों को मिलाकर भी बीजेपी को नहीं मिली इतनी सीटें
सीटों के लिहाज से देखें तो कांग्रेस, बीजेपी से आगे निकल गई. कांग्रेस 114 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी को उससे पांच कम 109 सीटें मिली. कांग्रेस को समाजवादी पार्टी, बीएसपी और निर्दलीय विधायकों का साथ मिला है. पार्टी 121 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाएगी. हालांकि मुख्यमंत्री का नाम अब तक तय नहीं हुआ है.
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