MP Farmer Protest: खाद की कमी पर एमपी में किसानों का चक्का जाम, सरकार पर लगाया जानबूझकर कमी करने का आरोप
सागर जिले के देवरी केसली उपज मंडी में किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसान चक्का जाम करके बैठे हैं. किसानों का दावा है कि खाद के लिए रात-दिन लाइन में लगने के बाद भी खाद मिल नहीं पा रही.
MP Farmer: मध्यप्रदेश राज्य में इन दिनों किसान परेशान हैं. उनकी परेशानी की असली वजह है बुआई के दिनों में खाद की किल्लत. खाद की तंगी के चलते किसान कहीं सड़कों पर धरना दे रहे हैं तो कहीं चक्का जाम कर रहे हैं.
किसानों को सरकारी वितरण केंद्रों के अलावा निजी दुकानों से भी खाद को खरीदने में परेशानी आ रही है. सरकार का दावा है कि खाद पर्याप्त मात्रा में है. लगातार खाद आ रही है. ये खाद की किल्लत कुछ दिनों की बात है.
किसानों का चक्का जाम
सागर जिले के देवरी केसली उपज मंडी में किसान लोग आंदोलन कर रहे हैं. खाद के इंतजार में खड़े किसान चक्कर खाकर गिर भी रहे हैं. ऐसे ही कारणों की वजह से अनिरुद्ध दांगी नाम के किसान की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे सागर के जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.
स्थानीय विधायक का बयान
किसानों के संकट में साथ देने के लिए कांग्रेस विधायक हर्ष यादव भी पहुंचे थे. उन्होंने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा की "विदिशा जिले में किसानों की कतार ही कतार है. कॉपरेटिव केंद्र पर खाद बंटवारे के लिए मिलने वाले टोकन के लिए रोज मारा मारी हो रही है. धूप में लंबी कतार से बचने के लिए किसानों ने नया रास्ता निकाला है कि वो अपनी जमीन का कागज या अपना आधार कार्ड लाइन में रखकर छांव में खडे़ हो जाते हैं".
मध्यप्रदेश के दूसरे जिलों में भी संकट
मध्यप्रदेश के अनेक जिलों में खाद को लेकर संकट देखा जा रहा है. विदिशा, रायसेन, सागर, सिहोर, नरसिंहपुर, मुरैना और भिंड में खाद के लिए लंबी कतारें लग रहीं हैं. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, "सरकार एक तरफ कहती है पर्याप्त मात्रा में खाद हैं तो फिर ये लाइनें क्यों लग रही है. सरकार झूठ बोलती है".
राज्य के मंत्री का दावा
खाद की सप्लाई को लेकर राज्य के सहकारिता मंत्री ने कहा, "प्रदेश में अब तक छह लाख मीट्रिक टन की मांग में 3,64 लाख मीट्रिक टन मिल चुका है तो यही हाल डीएपी का है, चार लाख मीट्रिक टन के एवज में 2,65 लाख मीट्रिक टन मिल चुका है. आने वाले दिनों में बाकी की सप्लाई भी हो जाएगी".
सरकार ऑर्गेनिक खेती करना चाहती है
सरकार खाद के संकट को लेकर ज्यादा बारिश को जिम्मेदार बता रही है. ज्यादा बारिश से रबी की फसलों की बुवाई का रकबा बढ़ गया है. जिससे खाद की आपूर्ति में दिक्कत हो रही है. वैसे कुछ किसान इसलिए परेशान है कि कर्ज माफी के चलते वो सहकारी बैंक के डिफाल्टर हो चुके हैं ऐसे में उनको बाजार से ही खाद खरीदनी पड़ेगी और बाजार में भी खाद गायब है.
किसान संगठनों का मानना है कि सरकार ऑर्गेनिक खेती को बढावा देने के लिये भी रासायनिक खादों का संकट पैदा कर रही है. वैसे सरकार ने भरोसा दिलाया है कि आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी हिस्सों में खाद पर्याप्त मात्रा में पहुंच जाएगा.
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