मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में हुआ सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए राज्य सरकार ने एक करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. बता दें कि दस अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान खरगोन शहर में सांप्रदायिक हिंसा में आगजनी और पथराव हुआ था, जिसके कारण शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. हिंसा में कई लोग घायल हुए थे. यहां तक कि पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को पैर में गोली भी लगी थी. अब मध्य प्रदेश सरकार ने हिंसा से प्राभावितों के लिए रिलीफ फंड आवंटित किया है.


मध्य प्रदेश सरकार ने खरगोन हिंसा में प्रभावित लोगों के कल्याण के लिए 1 करोड़ रुपये की राहत राशि आवंटित की है. मध्य प्रदेश सरकार के गृह विभाग मंत्रालय ने आदेश में कहा, "खरगोन नगर में माह अप्रैल, 2022 के दौरान हुए साम्प्रदायिक दंगो मे प्रभावित व्यक्तियों/परिवारों के लिए अनुग्रह राशि के रूप में एक करोड़ रुपये का आवंटन जारी किया जाता है."


खरगोन सांप्रदायिक हिंसा में पहली मौत की पुष्टि
मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान पुलिस ने मौत के पहले मामले की पुष्टि की है. पुलिस ने बताया कि सांप्रदायिक हिंसा के दौरान 30 वर्षीय यह व्यक्ति लापता था. इस बीच मृत व्यक्ति के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आठ दिनों तक उसकी मौत को छुपाए रखा.


पुलिस ने सोमवार को कहा कि खरगोन के आनंद नगर इलाके में फ्रीजर की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण इब्रेश खान का शव आठ दिनों तक इंदौर के एक सरकारी अस्पताल में रखा था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इब्रेश खान की मौत पत्थरों से सिर में गंभीर चोट लगने से हुई है.


खरगोन में कर्फ्यू में ढील
इस बीच, खरगोन में स्थिति में सुधार के बाद सोमवार दोपहर 12 बजे तथा अपराह्न तीन बजे से दो-दो घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई. ढील के दौरान दूध, सब्जियां, किराना और दवाओं की दुकानों को खुले रहने की अनुमति दी गई. इस दौरान लोगों को बिना वाहनों का उपयोग किए आवश्यक चीजों की खरीदारी करने की अनुमति थी.


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