नई दिल्ली: मध्य प्रदेश सरकार ने 2020-21 के लिए अपनी आबकारी नीति को रीन्यू किया है. इसके अनुसार राज्य में कोई नई शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी, जबकि विदेशी शराब ऑनलाइन खरीदी जा सकती है. भारतीय शराब फिलहाल इस नीति में शामिल नहीं है. इसके अलावा शराब की अवैध बिक्री को रोकने के लिए हर बोतल पर बार कोड लगाए जाएंगे.


यह भी तय किया गया है कि अंगूर से बने वाइन के प्रचार के लिए 15 नए वाइन आउटलेट्स को पर्यटक स्थलों पर खोला जाएगा. इन आउटलेट्स की फीस सालाना 10,000 रुपये होगी. शनिवार को एक घोषणा करते हुए, मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए सभी 2,544 देशी शराब की दुकानों और राज्य में संचालित 1,061 विदेशी शराब की दुकानों को पिछले साल की वार्षिक फीस में 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ चलाया जाएगा. इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि मध्य प्रदेश में शराब की कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी.


इससे पहले आबकारी विभाग ने प्रस्ताव दिया था कि यदि शराब की दुकान के 5 किमी. के दायरे में कोई दुकान नहीं है, तो वहां शराब उप-दुकान खोली जा सकती है. हालांकि, इस प्रस्ताव का भारतीय जनता पार्टी और साथ ही सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के कुछ मंत्रियों ने विरोध किया था.


विदेशी शराब की ऑनलाइन डिलीवरी के फैसले का भी बीजेपी ने विरोध किया है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने ट्वीट किया, "कमलनाथ सरकार शराब के साथ आपके द्वार" कमलनाथ जी आपकी सरकार में ऐसा कौन है जो शराब के उत्थान में पूरी तन्मयता के साथ जुटा है? या तो इनकी शराब कंपनी है या ठेके है पहले गली मोहल्ले में शराब दुकान का प्रस्ताव अब ऑनलाइन शराब बिक्री.


रामेश्वर शर्मा ने आगे लिखा, ''कमलनाथ जी मध्यप्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाने की दिशा में आपकी सरकार का यह कदम प्रदेश के आने वाले भविष्य को नशे की तरफ धकेल देगा. चिकित्सा-शिक्षा-योजना घर-घर पहुंचाने की जगह शराब पहुंचाने के निर्णय से आपकी सरकार की नीयत साफ हो गयी है.


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