MP High Court: 'कांस्टेबल के लायक नहीं', सब इंस्पेक्टर ने दिखाई पावर तो जज ने निकाल दी सारी हेकड़ी
Justice Rohit Arya: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक लोअर कोर्ट को हाई कोर्ट जाने की धमकी देने का मामला सामने आया. इस पर जस्टिस रोहित आर्य ने सब इंस्पेक्टर की जमकर क्लास लगाई.
MP High Court: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित आर्य सुनवाई के दौरान अपने सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं. इस बार उन्होंने कोर्ट रूम में एक सब इंस्पेक्टर को लताड़ लगाई. इस सब इंस्पेक्टर पर जिला कोर्ट में जज के साथ बदतमीजी करने का आरोप है. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी सब इंस्पेक्टर बार-बार वकील के बीच में बोलता था, जिसके बाद जस्टिस रोहित आर्या ने सब इंस्पेक्टर और उनके वकील की भी क्लास लगा दी.
जिला जज को दिखा रहा था पावर
लॉ एण्ड जस्टिस के मुताबिक सब इंस्पेक्टर ने जिला कोर्ट के जज को हाई कोर्ट जाने की धमकी दी. पूरा ममला ये है कि किसी केस में यह सब इंस्पेक्टर जिला कोर्ट में देरी से पहुंचा, जिसके बाद जज ने उससे पूछा कि किस वजह से देरी हुई. इस सवाल के जवाब में सब इंस्पेक्टर को गुस्सा आ गया और कहा कि आपने एक और पुलिस वाले के साथ ऐसा ही व्यवहार किया. साथ ही उससे जिला जज की शिकायत हाई कोर्ट में करने की बात कही.
'ये तो कांस्टेबल के लायक नहीं'
जब यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो जस्टिस रोहित आर्य सब इंस्पेक्टर के व्यवहार पर भड़क गए क्योंकि वह बार-बार वकील को रोककर खुद बोलने लगता था. जस्टिस रोहित आर्य ने सब इंस्पेक्टर से कहा, "ये अपने आप को न्यायपालिका से ऊपर समझ रहे हैं और जज के खिलाफ अनर्गल आक्षेफ लगा रहे हैं. ये तो कांस्टेबल के लायक नहीं हैं. सब इंस्पेक्टर लेवल का आदमी एक डिस्ट्रिक जज के ऊपर कार्रवाई के दौरान अनर्गल स्टेटमेंट देता है.
जस्टिस रोहित आर्य ने सब इंस्पेक्टर को डांटते हुए कहा, "जब कोर्ट इनसे जवाब मांगती है तो बोलते हैं कि आपका व्यवहार और लोगों के साथ भी यही रहा है, हम आपकी शिकायत करेंगे और ये हाई कोर्ट के जज का नाम लेते हैं. इनका कार्यपालिका में किसी भी पद पर रहने का कोई हक है? सब इंस्पेक्टर लेवल का आदमी इस बात पर नाराज कैसे हो गया कि लेट आया तो ऐसे कैसे कह दिया. कोर्ट में लेट आने पर क्या जज आपसे सवाल भी नहीं कर सकता. आप जज का धमकी दे रहे हैं."
'अपना वर्चस्व दिखाना चाहते हैं'
जस्टिस रोहित आर्य ने कहा, "अगर हम इसे ऐसे ही छोड़ देंगे तो लोअर ज्यूडिशियरी में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? आपने जज के काम में बाधा डाला यह क्रिमिनल कंटेप्ट ऑफ कोर्ट है. मांफी मांगने के बदले आप जज को ये कह रहे हैं कि आपने दूसरे पुलिस वाले के साथ भी यही व्यवहार किया था. आप चाहते हैं कि हम हाई कोर्ट में आपका माफीनामा स्वीकार कर लें. आप अपना वर्चस्व दिखाना चाहते हैं कि देखा मैं हाई कोर्ट से ऑर्डर लेकर चला आया."
उन्होंने कहा, "जनता को यह पता होना चाहिए कि एक पुलिस का आदमी कोर्ट में कैसा व्यवहार किया. उसने अपना बयान मीडिया में दिया. तुमने जो कर्म किए हैं उसका फल तो तुम्हें भुगतना पड़ेगा."
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