नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में मंत्री हर्ष यादव ने रविवार को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के लिए भारत रत्न की मांग कर दी. जबकि 30 साल पहले ही साल 1990 में आंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है. मंत्री ने सागर में संत रविदास जयंती समारोह में आंबेडकर को भारत रत्न देने की मांग की. इस दौरान मंच पर सीएम कमलनाथ और उनके चार मंत्री भी मौजूद थे. हर्ष यादव कमलनाथ सरकार में कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग, नवीन और नवकरणीय ऊर्जा विभाग के मंत्री हैं.


हर्ष यादव, डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय जिसे सागर यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है वहां एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. यादव ने कहा, ''हरीसिंह गौर ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण काम किया है. बुंदेलखंड के लोग चाहते हैं कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए.'' इसी दौरान मंत्री की जुबान फिसल गई और उन्होंने हरीसिंह गौर की जगह आंबेडकर के लिए भारत रत्न की मांग कर दी. बता दें कि सागर में डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी के संस्थापक डॉ. हरिसिंह गौर को लंबे समय से भारत रत्न देने की मांग की जा रही है.


कार्क्रम में सीएम कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया और कहा कि मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर है. कमलनाथ ने सागर में संत रविदास कार्य्रकम में किसानों और नौजवानों की बात करते हुए जनता से कहा कि आप मोदी को सुनते हैं, वो राष्ट्रवाद की बात करते हैं लेकिन किसानों की बात नहीं करते. नौजवानों की बेरोजगारी नहीं देखते. कभी पाकिस्तान की बात करने लगते हैं. मोदी जी ये कलाकारी देश पहचान रहा है. मुंह चलाने और देश चलाने में अंतर है.


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