भोपालमध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की तरफ से पांच हिंदू धार्मिक और आध्यात्मिक चेहरों को राज्य मंत्री का दर्जा देने पर विवाद बढ़ता जा रहा है. इस धार्मिक साधुओं में से एक कंप्यूटर बाबा को लेकर विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमले कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि नर्मदा घोटाले को दबाने के लिए साधुओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है. इस साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं.


आपको बता दें कि कंप्यूटर बाबा के तीन वीडियो एबीपी न्यूज़ के हाथ लगे हैं. दो वीडियो नर्मदा घोटाला यात्रा को लेकर जारी किए गए थे, जिसमें कंप्यूटर बाबा शिवराज सरकार पर नर्मदा घोटाले के लिए हमला बोल रहे हैं.


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इनमें से एक वीडियो 31 मार्च का मुख्यमंत्री निवास का है. कंप्यूटर बाबा को एक अप्रैल को नर्मदा घोटाला यात्रा शुरू करनी थी. इस वीडियो में शिवराज कंप्यूटर बाबा की मौजूदगी में उनको राज्यमंत्री का दर्जा देने का एलान कर रहे हैं.


शिवराज सरकार ने नर्मदा नदी के आसपास वृक्षारोपण, साफ-सफाई के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए एक विशेष समिति बनाई है, इसमें पांचों संत सदस्य हैं. संभवत: राज्य के गठन के बाद से यह पहला मौका होगा, जब संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया जा रहा हो.


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कौन हैं कंप्यूटर बाबा?


स्वामी नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा के बारे में कहा जाता है कि उनका दिमाग और याद रखने की क्षमता काफी तेज है. यही वजह है कि उन्हें लोग कंप्यूटर बाबा के नाम से जानते हैं. आम संतों से अलग इनके हाथों में हमेशा एक लैपटॉप रहता है. साथ ही लेटेस्ट गैजेट्स के भी काफी शौकीन हैं. उनके पास वाई-फाई डोंगल, मोबाइल और यहां तक की एक हेलीकॉप्टर साथ रहता है.


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2013 में कंप्यूटर बाबा अचानक सुर्खियों में आ गये थे जब उन्होंने कुंभ मेले में हेलीकॉप्टर से आने की अनुमति मांगी थी. वह इंदौर के दिगंबर अखाड़ा का प्रतिनिधित्व करते हैं.


शिवराज सरकार की ओर से राज्य मंत्री का दर्जा मिलने से ठीक पहले उन्होंने बीजेपी सरकार के खिलाफ 'नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' का ऐलान किया था. लेकिन अब उनके सुर बदल चुके हैं. विपक्षी दल कांग्रेस और सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें पुरानी बात याद दिला रहे हैं.