भोपाल: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले स्थित बरेली उप जेल में 64 कैदियों और तीन जेल प्रहरियों सहित 67 लोग सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी जेलों में कोविड-19 जांच के बाद ही नए कैदियों को प्रवेश देने का निर्णय लिया है. प्रदेश सरकार ने बरेली उप जेल के जेलर विनय गढ़वाल को प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद निलंबित कर दिया है.


नए कैदियों पर संदेह


रायसेन जिला स्थित बरेली कस्बे के एक चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बरेली उप जेल में 64 कैदी और तीन कर्मचारियों सहित कुल 67 लोग सोमवार रात को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. उन्होंने कहा कि संदेह है कि नए भर्ती कैदियों से जेल में संक्रमण फैला. अधिकारी ने बताया कि कुछ कैदियों में कोविड-19 के लक्षण दिखने के बाद रविवार को उनके नमूने जांच हेतु लिए गये थे.


गंभीर संक्रमित कैदी होंगे भोपाल शिफ्ट


इसी बीच मध्य प्रदेश के जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘‘रायसेन की बरेली जेल एक छोटी जेल है. रायसेन जेल में कोरोना वायरस संक्रमित कैदियों में से 41 को विदिशा मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कराया गया है.’’ उन्होंने कहा कि जो कैदी गंभीर संक्रमित हैं, उन्हें भोपाल शिफ्ट करने की व्यवस्था कर रहे हैं. बरेली उप जेल में ही कोविड-19 केन्द्र बना रहे हैं और अन्य कोरोना वायरस संक्रमित कैदियों को उसी जेल में ही आइसोलेट करा दिया गया है.


जेलर सस्पेंड


मिश्रा ने कहा, ‘‘बरेली उप जेल के जेलर विनय गढ़वाल को प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.’’  अब हम प्रदेश की सभी जेलों में ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि जेल में प्रवेश से पहले हरेक नये कैदी की कोविड-19 की जांच होगी. इस जांच के बाद ही कैदियों को जेलों में प्रवेश दिया जाएगा.


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