इंदौर/नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग सरकारी योजना-परियोजनाओं के तहत 4713.75 करोड़ रुपये की लागत के विकास कार्यों का आज ई-लोकार्पण किया. इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत योजना, शहरी लोक परिवहन सेवा, स्मार्ट सिटी परियोजना, शहरी पेयजल योजना, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना के साथ मल्टी लेवल पार्किंग, सीवेज और सड़क निर्माण से जुड़े विकास कार्य शामिल हैं.

ये विकास कार्य इंदौर, भोपाल, भिंड, सीहोर, छतरपुर, शहडोल छिन्दवाड़ा, बुरहानपुर, कटनी, जबलपुर, उज्जैन, रतलाम, होशंगाबाद, सिंगरौली, डिंडौरी और धार जिलों से जुड़े हुए हैं. मध्यप्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रधानमंत्री का यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

कांग्रेस पर साधा निशाना
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना नाम लिये कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आज कहा कि जमीनी सच्चाई से दूर होकर कुछ लोग देश में भ्रम, झूठ और निराशा फैलाने में लगे हुए हैं, जबकि भाजपा नीत केन्द्र सरकार पिछले चार सालों से लगातार लोगों के कल्याण के लिये काम कर रही है.

चार साल पूरे होने का किया गुणगान
जिले के मोहनपुरा में लगभग 4000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित विशाल सिंचाई परियोजना का लोकार्पण करने के बाद मोदी ने कहा, ‘आप जैसे करोड़ों लोगों के श्रम, आशीर्वाद से केन्द्र में भाजपा सरकार ने सफलतापूर्वक जनसेवा करते हुए एक के बाद एक जनकल्याण के फैसले लेते लेते चार साल की यात्रा पूरी कर ली है.

उन्होंने कहा,‘इतनी बड़ी संख्या में आपका यहां आना इस बात की गवाही दे रहा है कि भाजपा की सरकार पर, उसकी नीतियों पर आपका कितना विश्वास है. जो लोग देश में भ्रम फैलाने में लगे हैं, झूठ फैलाने में लगे हैं, निराशा फैलाने में लगे हैं, वे जमीनी सच्चाई से किस तरह से दूर हो चुके हैं, आप इसकी साक्षात तस्वीर हैं.’ मोदी ने बांध परियोजना के निर्माण में लगे लोगों की सराहना करते हुए कहा कि गर्मी हो या बरसात राष्ट्र निर्माण के कार्य में जो लोग जुटे हैं, वे अतुलनीय हैं. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से लगभग सवा लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी और 700 से अधिक गांवों को इसका फायदा मिलेगा. इसके साथ ही इस परियोजना से 400 गांवों को पीने के पानी की समस्या से मुक्ति मिलेगी.

शिवराज सिंह चौहान सरकार की सराहना की
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि प्रदेश में जब भाजपा सरकार बनी तब यहां सिर्फ 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई हो पाती थी जबकि 2018 में यह क्षेत्रफल बढ़कर 40 लाख हेक्टेयर हो गया है और प्रदेश सरकार साल 2024 तक सिंचाई क्षेत्रफल 80 लाख हेक्टेयर करने की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा इस दिशा में पूरा सहयोग करने की बात भी कहीं. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर पिछले पांच साल से 18 फीसदी से अधिक रही है जो कि देश में सबसे अधिक है.

पूर्व की कांग्रेस सरकारों पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये सब विकास कार्य पहले भी हो सकते थे, किसी ने रोका नहीं था. इस दल ने देश में सबसे अधिक समय तक शासन किया लेकिन देश के लोगों और उनकी क्षमताओं पर भरोसा नहीं किया. जबकि भाजपा सरकार ने लम्बे वक्त से बीमारू राज्य की श्रेणी में रहे मध्यप्रदेश को इस श्रेणी से बाहर निकाला.

उज्जवला योजना का किया उल्लेख
मोदी ने कहा कि देश में मध्यप्रदेश के सवा करोड़ किसानों के साथ देश के 14 करोड़ किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड आवंटित कर दिये गये हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने केन्द्र सरकार की उज्ज्वला रसोई गैस योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि मंडियों को ऑनलाइन करने की योजना, सौभाग्य बिजली योजना की उपलब्धियों का जिक्र भी किया. उन्होंने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत चार करोड़ गैस कनेक्शन देश में और 40 लाख कनेक्शन मध्यप्रदेश की गरीब महिलाओं को दिये गये हैं.

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की
जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पीएम मोदी ने कहा,‘यह हमारे देश का दुर्भाग्य रहा है कि एक परिवार का महिमामंडन करने के लिये देश के अनेक सपूतों और उनके योगदान को छोटा कर दिया गया या भुला देने का भरपूर प्रयास किया गया.’मोदी ने कहा, ‘‘यह भी बहुत बड़ा संयोग है कि आज देश के महान सपूत डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है. 23 जून के दिन ही कश्मीर में उनकी शंकास्पद परिस्थितियों में मृत्यु हुई थी. मैं आज के इस अवसर पर डॉ मुखर्जी का पुण्य स्मरण करता हूं, उनको नमन करता हूं और आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.’ प्रधानमंत्री ने डॉ मुखर्जी को याद करते हुए कहा कि वे कहा करते थे कि कोई भी राष्ट्र सिर्फ अपनी ऊर्जा से ही सुरक्षित रह सकता है. उनका भरोसा देश के साधन, संसाधनों और देश के प्रतिभाशाली लोगों पर था. स्वतंत्रता के बाद देश को हताशा, निराशा से निकालने का उनका विज़न आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरणा दे रहा है.

मोदी ने कहा, ‘देश के पहले उद्योग और आपूर्ति मंत्री के तौर पर उन्होंने (डॉ मुखर्जी) देश की पहली औद्योगिक नीति बनाई. वह कहते थे कि अगर सरकार, देश के शिक्षण संस्थान और औद्योगिक संगठन मिलकर उद्योगों को बढ़ावा देगें तो देश बहुत जल्द ही आर्थिक तौर पर भी स्वतंत्र हो जायेगा. शिक्षा से जुड़े क्षेत्र के लिये, महिला सशक्तिकरण के लिये, देश की परमाणु नीति को दिशा देने के लिये, उन्होंने जो विचार रखे वे, उस दौर की सोच से भी बहुत आगे थे. देश के विकास में जनभागीदारी का महत्व समझते हुए उन्होंने जो रास्ते सुझाये वो आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं.’

उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी ने सबसे ज्यादा महत्व शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को दिया. वह कहते थे कि सरकार को शुरूआती शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक व्यापक सुविधाएं जुटानी चाहिये. युवाओं में छिपी प्रतिभा को बाहर लाने के लिये उचित माहौल बनाया जाना चाहिये, ताकि हमारे युवा अपने गांव ,अपने नगर की सेवा करने के लिये समर्थ बन सकें. डॉ मुखर्जी का जीवन विद्या, वित्त् और विकास इन तीन मूलभूत चिंतनों का संगम था. मोदी ने कहा कि डॉ मुखर्जी कहते थे कि शासन अंग्रेजों की तरह राज करने के लिये नहीं बल्कि नागरिकों के सपने पूरे करने के लिये होना चाहिये.

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