'शेर की जमीन पर चीते पाल दिए, मुआवजा भी नहीं दिया', जानिए कूनो नेशनल पार्क पर इस राज-परिवार ने क्या कहा
पालपुर राज परिवार के सदस्य कुंवर विक्रम राज सिंह ने कहा कि उनकी वन्यजीवों को बचाने की पूरी विरासत ही बेकार चली गई लगती है, सरकार ने उनके परिवार को जायज श्रेय नहीं दिया है.
Kuno Natinal Park: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के लिए सबसे ज्यादा जमीन दान करने वाला पालपुर का शाही परिवार सरकार से नाराज है, और ठगा हुआ महसूस कर रहा है. पालपुर राज परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इस पार्क के लिए अपनी 222 बीघा जमीन दान में दी लेकिन वन विभाग ने उनकी उससे भी ज्यादा जमीन पर कब्जा कर लिया और उसका मुआवजा भी नहीं दिया.
राज परिवार के सदस्यों ने कहा कि पालपुर राजघरानों की वन्यजीवों को बचाने की पूरी विरासत सरकार के रवैये के कारण बेकार चली गई क्योंकि उनको दान की गई जमीन के लिए एक बार भी क्रेडिट नहीं दिया गया.
'शेर की बजाए पाले चीते'
पालपुर राज परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह इस वजह से ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. न ही जमीन दान देने के लिए उनको श्रेय दिया गया, न ही वन विभाग ने उनको कोई मुआवजा दिया, इससे भी गंभीर बात यह कि राज परिवार ने शेर पालने के लिए अपनी इतनी जमीन दान में दी थी लेकिन सरकार ने शेर की बजाए चीते पाल दिए.
'दान की गई जमीन में किला भी'
पालपुर के शाही परिवार के वारिस कुंवर विक्रम राज सिंह ने कहा, दान की गई जमीन में उनका एक पुश्तैनी किला और मंदिर भी है और हम पार्क के अंदर बने अपने मंदिर में जाने के लिए अदालत से अनुमति मांग रहे हैं. हमने यह जमीन शेरों के पुनर्वास के लिए दान में दी थी.
विक्रम राज सिंह ने आगे कहा, हालांकि, सरकार ने शेरों के बजाय चीतों को लाने का फैसला किया है. हम इस बात से निराश हैं कि एक भी शेर या शेरनी का पुनर्वास नहीं किया गया. चीते के पुनर्वास में कोई समस्या नहीं है, लेकिन कम से कम भूमि दान के उद्देश्य को समझना चाहिए. कुंवर विक्रम राज सिंह ने कहा, हमारे परिवार का कोई जिक्र ही नहीं है जबकि हमारे परिवार ने ही इस पार्क की स्थापना की थी. सरकार ने हमें ड्यू क्रेडिट देने में असफल रही है.