Loudspeaker Controversy: देश में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद पर मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस का रुख अलग-अलग है. लाउडस्पीकर पर उत्तर प्रदेश में जैसे योगी सरकार आक्रामक रुख अपनाए हुये हैं तो एमपी में शिवराज सरकार इसे ज्यादा तूल नहीं दे रही. ये चौंकाने वाली बात है, जानकार कह रहे हैं कि दोनों प्रदेशों की तासीर में फर्क है इसलिये ऐसा किया जा रहा है.
जीतू पटवारी के बयान से खलबली
मस्जिदों में अजान के लिये लगे लाउडस्पीकर हों या फिर मंदिरों में आरती के लिए लाउडस्पीकर ऐसे विवाद की चपेट में पहले कभी नहीं आये थे. बीजेपी इन लाउडस्पीकर का विरोध कर रही है तो कांग्रेस असमंजस की हालत में है. लेकिन एमपी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा पढ़ने के समर्थन मे जो बयान दिया उसने खलबली है.
विवाद से बच रही है शिवराज सरकार
पटवारी जिस तरीके से हनुमान चालीसा और सुंदरकांड को लाउडस्पीकर पर पढने के पक्ष में आए तो हैरानी बीजेपी कार्यकर्ताओं को हुई, क्योंकि प्रदेश की शिवराज सरकार के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लाउडस्पीकर विवाद को लेकर सनसनी नहीं फैलाने की नसीहत दी है. हालांकि बीजेपी की नेता उमा भारती ट्विटर पर योगी सरकार के लाउडस्पीकर पर की गई सख्ती के फैसलों का स्वागत कर एमपी में भी ऐसी ही करने की पहल की हिदायत शिवराज सरकार को दे चुकी हैं. जानकार मानते हैं कि इस मुद्दे पर शिवराज सरकार की ठंडी प्रतिक्रिया के मायने ये हैं कि हिंदू-मुसलमान का मुद्दा पूरे प्रदेश में नहीं चलता इसलिए सरकार इस पर कोई कठोर फैसला करने से बच रही है.
खरगोन के दंगों के बाद देश भर में हुई प्रतिक्रिया के बाद शिवराज सरकार अब संभलकर चल रही है. किसी भी प्रकार का कोई मुद्दा जो राष्ट्रीय स्तर पर शिवराज सरकार को मुसीबत में डाले उससे बचने के लिये सरकार के मंत्री और बीजेपी के प्रवक्ता लाउडस्पीकर मसले पर बयान देने से भी बच रहे हैं.
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