MP: सीधी बस हादसे में 3 और शव बरामद, अब तक 50 लोगों की गई जान
यह हादसा सीधी जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर पटना गांव में हुआ. बस सीधी से सतना जा रही थी. छुहिया घाटी में यातायात बाधित था, इसलिए इस बस के चालक ने सतना जाने के लिए मार्ग बदल दिया था और उसके कुछ ही देर बाद यह हादसा हो गया.
भोपाल: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में बस नहर के पानी में समा गई और 50 जिंदगियों को निगल लिया. सीधी बस हादसे में आज सुबह तीन शव और बरामद हुए हैं. मरने वालों की संख्या अब 50 तक पहुंच गई है. नहर में और शव तलाशे जा रहे हैं. एक परिवार के पांच सदस्यों की बहादुरी के कारण छह लोगों की जान बच गई. बस में 55 से अधिक लोग थे, जिनमें छात्र भी शामिल थे. बस में करीब 30 से 35 छात्र थे, जो सतना में एएनएम की परीक्षा देने जा रहे थे.
मध्य प्रदेश में सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में यात्रियों से भरी बस के मंगलवार सुबह पुल से नहर में गिरने से 21 महिलाओं सहित 50 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में सुरक्षित बचाई गई एक यात्री ने बताया कि जिस समय बस सड़क से नहर में खिसक रही थी, उस वक्त यात्रियों ने बस की खिड़कियों के कांच तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए.
यात्रियों ने सुनाई आपबीती यात्री ने बताया कि हादसे के वक्त बस बहुत तेज गति से चल रही थी और बस के नहर में गिरने से पहले उसका चालक वहां से कूद कर भाग गया. कूदने से पहले उसने लोगों को अपनी-अपनी जान बचाने के लिए भी कहा था. एएनएम (महिला स्वास्थ कार्यकर्ता) की भर्ती परीक्षा देने सतना जा रही विभा प्रजापति ने बताया, 'बस में पानी भर गया और लोगों ने स्वयं को बचाने के लिए बस की खिड़कियों के कांच तोड़ने के प्रयास किए, लेकिन वे असफल रहे. मेरा भाई भी मेरे साथ इस बस में सवार था और मैंने अपने भाई को भी बचाने का प्रयास किया, लेकिन अब वह कहां है, मुझे इसका पता नहीं है. मैं अपने भाई को नहर में आधे रास्ते तक भी ले आई थी, लेकिन बाद में वह पीछे रह गया.'
प्रजापति ने बताया कि यह बस खचाखच भरी थी और कम से कम 15 से 20 यात्री खड़े थे. दो लोगों के लिए बनी कुछ सीटों पर तीन लोग बैठे थे. इस बस में कम से कम 55 यात्री सवार थे. कुछ लोग चुरहट में उतर गये, क्योंकि उनके लिए बैठने के लिए सीट नहीं थी. चुरहट सीधी और सतना के बीच स्थित है.
हादसे की प्रत्यक्षदर्शी शिवरानी लोनिया ने मीडिया को बताया कि बस बड़ी तेजी से चल रही थी और यह सड़क से फिसल कर नहर में गिर गई. मैंने इस पूरी घटना को देखा. जब यह बस नहर में गिरी, उस वक्त मैं और मेरा भाई नहर के पास ही खड़े थे. हमने जैसे ही इस बस को नहर में गिरते देखा, तो मैंने और मेरे भाई ने लोगों को बचाने के लिए नहर में तुरंत छलांग लगा दी और दो लोगों को बचाया.
ये भी पढ़ें- लगातार बढ़ोतरी के साथ अब राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल के दाम ने अपना शतक पूरा कर लिया
टूलकिट कांड में सातवां नाम आया सामने, धालीवाल की सहयोगी अनिता लाल भी पुलिस के रडार पर