IPAC बैठक में बोले सांसद सुजीत कुमार- चीन की दादागिरी के खिलाफ एकजुट होकर बोलने की जरूरत
IPAC Meeting: इटली के रोम में IPAC की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें अलग-अलग देशों के 20 सांसद जमा हुए थे. भारत से अरुणाचल से सांसद निनोंग एरिंग समेत 4 सांसद इसका हिस्सा बने है.
IPAC Meeting: बीजू जनता दल पार्टी (BJD) के राजनेता और एमपी सुजीत कुमार (Sujeet Kumar) ने शुक्रवार को रोम में आयोजित इंटर-संसदीय गठबंधन ऑन चाइना (IPAC) की बैठक के दौरान कहा कि IPAC दुनिया के 25 देशों के 200 सांसदों का समूह है. यह चीन के खिलाफ नहीं है, लेकिन निश्चित तौर पर चीन (China) की बढ़ती दादागिरी के खिलाफ है. जिस तरह चीन खासतौर पर अपने पड़ोसी देशों पर दबाव बना रहा है, उनकी जमीनें हथियाना चाहता है, इलाकों पर कब्ज़ा जता रहा है. उसी तरह हमें एकजुट होकर उसके खिलाफ बोलने की जरूरत है, क्योंकि हम सभी लोकतांत्रिक देशों के सांसद एक नियम आधारित व्यवस्था चाहते हैं.
दरअसल, इटली के रोम में IPAC की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें अलग-अलग देशों के 20 सांसद जमा हुए थे. यहां मौजूद सभी सांसदों का यह मत था की लोकतांत्रिक देशों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए. सांसद ने कहा कि खुशी की बात यह है की औपचारिक तौर पर भारत भी इस संगठन का सदस्य बना है. भारत से मेरे अलावा अरुणाचल से सांसद निनोंग एरिंग समेत 4 सांसद इसका हिस्सा बने है.
उन्होंने आगे कहा कि चीन जो कर रहा है वो कतई स्वीकार्य नहीं है. जिस तरह लद्दाख में एक शांत सीमा पर हिंसा की आग लगाई गई, जिस तरह गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों को शहीद किया गया, यह सब 21वीं सदी में तो स्वीकार नहीं किया जा सकता.
बैठक में निजी हैसियत से हुआ हूं शामिल
सुजीत कुमार ने कहा कि इस बैठक में मैं भारत सरकार या विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं बल्कि निजी हैसियत से शामिल हुआ था. हालांकि भारत लौटने के बाद मेरी कोशिश होगी कि अन्य दलों के सांसदों के सर को भी हम इस प्रयास से जोड़ सकें. उन्होंने बताया कि फिलहाल बीजेपी शिवसेना कांग्रेस समेत कई दलों के सांसदों के साथ हम संपर्क में हैं. मेरा मत है कि जब चीन को भारत के जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश जैसे जिला पर सवाल उठाने से पहले अपने वन चाइना पॉलिसी पर पुनर्विचार करना चाहिए. अब चीन की मनमानी को और फ्री पास नहीं दिया जा सकता.
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