नई दिल्ली: लॉक डाउन के चलते बन्द पड़े स्कूलों में पढ़ाई के लिए ऑनलाइन क्लासेज एक विकल्प बनकर सामने आया है, लेकिन इसको लेकर कई तरह की आलोचनाएं भी हो रही हैं. सोमवार को मानव संसाधन मंत्रालय (नया नाम शिक्षा मंत्रालय) से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की बैठक हुई. इस बैठक में पहुंचे सांसदों ने मानव संसाधन मंत्रालय के सचिवों से ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर कई सवाल पूछे. सबसे सामान्य सवाल जुड़ा था समाज के गरीबों और निचले तबके के बच्चों की पढ़ाई से. सूत्रों के मुताबिक़ सांसदों ने अधिकारियों से पूछा कि क्या सरकार ने इस बात का पता लगाने के लिए कोई अध्यन या सर्वे किया है कि आखिर ग्रामीण इलाकों और आर्थिक तौर पर पिछड़े बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई कितनी कारगर साबित हुई है. सांसदों का कहना था कि ऐसे घरों में एक ही स्मार्ट मोबाइल फोन का होना आसान नहीं है, ऐसे में अगर घर में एक से ज़्यादा बच्चे हों तो पढ़ाई कैसे हो सकेगी?


सरकार ने कहा- हो रहा सर्वे


सूत्रों के मुताबिक बैठक में सरकार की तरफ से शिरकत करने पहुंचे उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे ने जानकारी दी कि उनका विभाग ऑनलाइन क्लासेज के असर का अध्ययन करने के लिए एक सर्वे करा रहा है. खरे ने बताया कि सितंबर मध्य तक इस सर्वे का परिणाम आने की संभावना है. बैठक में मौजूद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने अधिकारियों से पूछा कि विज्ञान जैसे विषयों में लैब में होने वाले प्रैक्टिकल क्लास का विकल्प क्या हो सकता है? सूत्रों के मुताबिक़ खरे ने बताया कि आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मुंबई ने प्रैक्टिकल की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन लैब विकसित किया है. हालांकि कई सांसदों ने इस जवाब से अपनी असंतुष्टि ज़ाहिर करते हुए पूछा कि सभी कॉलेजों में आधारभूत संरचना आईआईटी जैसी नहीं है.


छोटे बच्चों के लिए नहीं है ऑनलाइन पढ़ाई


बैठक में मौजूद स्कूली शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने समिति को बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था छोटे बच्चों के लिए नहीं बनाई गई है. उनके मुताबिक कक्षा 3 तक के छात्रों को ऑनलाइन पढाई का सुझाव नहीं दिया जाता है जबकि कक्षा 4 से 7 तक सीमित समय में ऑनलाइन पढ़ाई करने की एडवाइजरी जारी की गई है. अधिकारियों का कहना था कि कक्षा 3 तक के छात्रों के अभिभावकों के लिए ऑनलाइन क्लास की सलाह दी जाती है.


कम्युनिटी रेडियो के ज़रिए भी पढ़ाई


शिक्षा मंत्रालय की तरफ से सभी सदस्यों को ऑनलाइन पढ़ाई को सुलभ बनाने के लिए सरकार की तरफ से किए जा रहे उपायों से जुड़ी एक रिपोर्ट सौंपी गई. रिपोर्ट में सरकार ने जानकारी दी है कि कम्युनिटी रेडियो और फ़ोन पर आईवीआरएस के ज़रिए भी बच्चों की पढ़ाई के बारे में सरकार योजना बना रही है. इससे उन बच्चों को फ़ायदा हो सकेगा जिनके अभिभावक स्मार्ट फोन ख़रीदने की क्षमता नहीं रखते हैं. सरकार की इस योजना पर सदस्यों ने ऐसे सभी बच्चों को मुफ्त में ट्रांजिस्टर देने का सुझाव भी दिया.


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