नई दिल्लीः वैसे तो लगातार लोकसभा और राज्य सभा से रोजाना बिलों पर चर्चा, संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और सवाल जवाब की खबरें रोजाना सामने आती है. लेकिन, कभी-कभी ऐसी खबर भी सामने आती है जो इससे इतर होती हैं लेकिन दिलचस्प होती है. ऐसी ही एक खबर हम आपको बताते हैं. यह खबर है तो संसद की लेकिन कुछ अलग है. कोरोना काल में राज्य सभा और लोकसभा का सत्र अलग-अलग वक्त पर चल रहा है और उसी हिसाब से सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए सांसदों के बैठने के इंतजाम भी किए गए हैं. इसी कड़ी में कुछ सांसदों को संबंधित सदन में बैठाया गया है तो कुछ को दूसरे सदन में. वही कुछ सांसदों को अलग-अलग गैलरी में जगह दी गई है जिससे कि सारे संसद सदन की कार्रवाई का हिस्सा बन सके.
इस इंतजाम से कुछ सांसदों को थोड़ी मायूसी भी उठानी पड़ रही है और अपनी उसी मायूसी को सदन की कार्रवाई के दौरान राज्य सभा के चेयरमैन तक पहुंचा भी दिया. सांसदों को मायूसी इस बात की है कि राज्य सभा टीवी मैं उनका चेहरा कई बार नजर नहीं आता और इस वजह से उनके घर के और इलाके के लोगों को पता ही नहीं चल पाता कि वह सदन में हैं भी या नहीं.
शून्यकाल के दौरान बीजेपी सांसद ने चेयरमैन तक पहुंचाई बात
राज्य सभा में बुधवार को चल रहे शून्यकाल के दौरान बीजेपी सांसद नीरज शेखर ने यह बात राज्य सभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू तक पहुंचाई. नीरज शेखर का कहना था कि उनके समेत कई सांसद ऐसे हैं जो गैलरी में बैठे हुए हैं लेकिन राज्य सभा की कार्रवाई कवर करने वाले कैमरे की नजर उन तक नहीं पहुंचती. इस वजह से कई बार बाहर के लोगों को पता ही नहीं चलता कि वो लोग सदन में हैं या नहीं.
सामने आई जानकारी के मुताबिक यह चिंता नीरज शेखर की नहीं बल्कि उनके साथ बैठे कुछ नए सांसदों की थी. क्योंकि ये सांसद कुछ वक्त पहले ही सदन में आए हैं लेकिन राज्य सभा टीवी के कैमरे में उनकी झलक कभी कभार ही नजर आती है. इस वजह से उन सांसदों के परिवार वालों और जान पहचान वाले लोगों ने कई बार उनको फोन कर यह पूछ लिया कि आप सदन में होते हैं या नहीं. इसीके बाद सांसदों ने अपनी बात राज्य सभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू तक पहुंचाई.
वेंकैया नायडू ने कहा कि सभी दिखाते रहें
सांसदों की बात सुनने के बाद राज्य सभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने राज्य सभा टीवी से कहा कि वह उन लोगों को भी दिखाते रहा करें जो लोग गैलरी में बैठे हैं. क्योंकि दोनों सदनों में बैठे लोगों को तो दिखा दिया जाता है लेकिन गैलरी में बैठे लोगों पर कैमरे की नजर कम ही पहुंचती है.