MQ-9B Reaper Drone: चीन के साथ भारत के रिश्ते पिछले 6 दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. भविष्य में चीन खुद को दुनिया की सुपर पॉवर के रूप में देखना चाहता है लेकिन इसके लिए पहले उसे दक्षिण एशिया में एकछत्र बादशाहत कायम करनी होगी, जो भारत जैसी ताकत के रहते संभव नहीं है. यही वजह है कि चीन एलएसी पर कई बार भारत को छेड़ने की कोशिश कर चुका है लेकिन हर बार उसे मुंहतोड़ जवाब मिला है. एलएसी पर मुंह की खाने के बाद चीन ने भारतीय समुद्री सीमा के पास अपनी गतिविधियां बढ़ाई हैं, जिसके बाद भारत ने भी समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने में लग गया है. अब भारत ने ऐसा हथियार खरीदने का फैसला किया है जो चीन की नींद उड़ा देगा.


भारत ने अमेरिका के साथ साथ 3 अरब डॉलर की रक्षा डील करने का फैसला किया है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स से भारत को MQ 9B सी गार्डियन ड्रोन (Sea Guardian) हासिल होंगे. 15 जून को रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने इस डील को मंजूरी दे दी है. इसी सप्ताह ह्वाइट हाउस में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जो बाइडेन की बैठक में इसके मंजूरी मिलने की उम्मीद है. 


दुनिया का सबसे घातक ड्रोन 


एमक्यू 9 बी सी गार्डियन या प्रीडेटर ड्रोन को अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने तैयार किया है. इसे दुनिया का सबसे घातक ड्रोन माना जाता है. सी गार्डियन बड़े समुद्री अभियान चलाने में सक्षम मल्टी-रोल, मल्टी-डोमेन मानव रहित विमान सिस्टम है. 


सीगार्डियन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी मौसम की स्थिति में 30 घंटे से अधिक समय तक उपग्रह के माध्यम से उड़ान भर सकता है। यह नागरिक हवाई क्षेत्र में सुरक्षित रूप से एकीकृत करने में मदद कर सकता है और दिन के किसी भी समय समुद्री क्षेत्र में कहीं भी वास्तविक समय स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करने में बलों की सहायता कर सकता है। SeaGuardian सबसे उन्नत समुद्री खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं को एकीकृत करता है। यह अपनी श्रेणी का पहला RPAS भी है जो समुद्र की सतह के ऊपर और नीचे वास्तविक समय की खोज और गश्त को सक्षम बनाता है


ये है क्षमता


एमक्यू-9 रीपर एजीएम-144 हेलफायर मिसाइल, लेजर गाइडेड बम समेत कई प्रकार के हथियारों को ले जाने में सक्षम है. इसकी रफ्तार 240 नॉट्स ट्रू एयरस्पीड (केटीएएस) है. इसमें 1746 किलोग्राम पेलोड क्षमता है, जिसमें 1361 किलोग्राम बाहरी स्टोर शामिल हैं.


ये ड्रोन रीयल-टाइम तस्वीरे इकट्ठा करने के साथ ही इसे विश्लेषण के लिए ग्राउंड स्टेशन पर भेज सकता है. ये एडवांस सेंसर और कैमरों से लैस है, जो इसे सैन्य अभियानों, सीमा की निगरानी और आतंकवाद के खिलाफ अभियान में बहुत अहम बना देता है. सी गार्डियन इंटेलीजेंस, निगरानी और टोही क्षमता का कंबाइंड पैकेज है.


किसी भी मौसम में 30 घंटे की उड़ान


सीगार्डियन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये किसी भी तरह के मौसम में 30 घंटे से अधिक समय तक सैटेलाइट के माध्यम से उड़ान भर सकता है. यह नागरिक हवाई अभियानों में मदद कर सकता है और साथ ही समुद्री क्षेत्र में किसी भी स्थिति में रीयल टाइम पर सैन्य बलों के लिए सहायक बन सकती है. 


यह अपनी श्रेणी का पहला सुदूर संचालित एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) भी है जो समुद्र की सतह के ऊपर और नीचे रीयल टाइम खोज और गश्त करने में सक्षम है.


सी गार्डियन क्या कर सकता है?



  • एंटी-सरफेस युद्धक अभियान करने में सक्षम है.

  • एंटी-सबमरीन अभियान चलाने में सक्षम है.

  • एयरबॉर्न माइन काउंटर उपाय में सक्षम है.

  • लंबी दूरी तक रणनीतिक निगरानी करने की क्षमता से लैस

  • इलेक्ट्रॉनिक युद्ध करने में सक्षम

  • रक्षात्मक काउंटर एय़र में सक्षम

  • प्रारंभिक हवाई चेतावनी देने में सक्षम है

  • मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में मददगार

  • कानूनी एजेंसियों की मदद करने में सक्षम


समंदर में बढ़ेगी भारत की ताकत


एमक्यू 9बी सी गार्डियन अमेरिकी सेना के सबसे खतरनाक हथियारों में से है और अमेरिका इसे केवल अपने सबसे करीबी सहयोगियों को देता है. भारत को इसे सौंपने का साफ संदेश भी है कि भारत उसका भरोसेमंद सहयोगी है. जमीन के बाद अब समुद्र में बढ़ रहे चीनी खतरे के बाद भारत को ऐसे हथियार की जरूरत लंबे समय से महसूस हो रही थी. ऐसे में इस हथियार के आने के बाद समुद्र में भारत की ताकत में बेशुमार बढ़ोतरी होगी.


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