नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन कारगर साबित हो रही है. वहीं जीएसटी परिषद ने 12 जून को अपनी 44वीं बैठक में कोविड-19 प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाले सामानों पर 30 सितंबर तक जीएसटी घटा दिया था.


15 जून को राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने दवाओं/फॉर्मूलेशन और चिकित्सा उपकरणों के सभी निर्माताओं और विपणन कंपनियों को उन वस्तुओं के अधिकतम खुदरा मूल्य को संशोधित करने के निर्देश जारी किए, जिन पर कर/जीएसटी दरों में कमी की गई है. रसायन और फेटिलाइजर्स के केंद्रीय मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने मंगलवार को लोकसभा में यह बात कही.


वह कांग्रेस सांसद एम के राघवन के एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, जो जानना चाहते थे कि क्या एनपीपीए ने फार्मा निर्माताओं को जीएसटी में कमी के मद्देनजर दवाओं की कीमतें कम करने के लिए कहा है. जीएसटी की दरों की तरफ ध्यान दिया जाए तो 12 जून तक मौजूदा जीएसटी की दरें कुछ इस प्रकार से थी-


टोसिलिजुमैब और एम्फोथेरिसिन बी पर पांच फीसदी जीएसटी दर थी. वहीं 12 फीसदी के स्लैब में एंटी-कॉगुलेंट्स लाइक हेपरिन, रेमडेसिविर, ऑक्सीजन और इससे जुड़े उपकरण, कोविड टेस्टिंग किट्स और पल्स ऑक्सीमीटर शामिल थी. इसके बाद 18 फीसदी जीएसटी के स्लैब में हैंड सैनिटाइजर, तापमान जांच से संबंधी उपकरण और श्मशान के लिए भट्टी शामिल थी. वहीं एंबुलेंस पर 28 फीसदी जीएसटी की दर थी.


जीएसटी काउंसिल ने ये की थी सिफारिश
टोसिलिजुमैब और एम्फोथेरिसिन बी पर कोई जीएसटी नहीं. वहीं 5 फीसदी के स्लैब में एंटी-कॉगुलेंट्स लाइक हेपरिन, रेमडेसिविर, ऑक्सीजन और इससे जुड़े उपकरण, कोविड टेस्टिंग किट्स, पल्स ऑक्सीमीटर, हैंड सैनिटाइजर, तापमान जांच से संबंधी उपकरण, श्मशान के लिए भट्टी और अन्य आवश्यक दवाई शामिल की गई. वहीं एंबुलेंस पर 12 फीसदी जीएसटी की सिफारिश की गई.


यह भी पढ़ें: बीजेपी ने बढ़ते संक्रमण पर उठाए सवाल, पात्रा बोले- कोरोना को लेकर केरल सरकार से हुई गलती