देश के सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राजस्थान में आधिकारिक तौर पर मध्यम दूरी के जमीन से आसमान में मार करने वाले मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम (Surface-to-Air Missile Air Defence System) को शामिल किया.


यह मध्य दूरी के सतह से हवा में मार करने वाले डिफेंस मिसाइल सिस्टम (MR-SAM defence system) जैसलमेर में भारतीय वायुसेना के 2204 स्क्वाड्रन में शामिल किया गया. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- "मध्य दूरी के सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को आज भारतीय वायुसेना में शामिल किया जा रहा है. यह स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम है."


रक्षा मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा- "आज मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम की फर्स्ट फायरिंग यूनिट का हैंडओवर हमारी एयर फोर्स को किया जा रहा है. यह हमारी एयर फोर्स के साथ-साथ, मैं समझता हूं कि पूरे रक्षा क्षेत्र के लिए बड़ा खास दिन है."






इस एयर डिफेंस सिस्टम का रेंज 70 किलोमीटर है और यह किसी भी लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और सामने से आ रही मिसाइल को तबाह कर सकता है. इस सिस्टम को विकसित करने के लिए इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के बीच एक दशक पहले डील पर दस्तखत की गई थी.


इससे पहले खुद रक्षा मंत्री ने नितिन गडकरी, सीडीएस और एयरफोर्स चीफ ने वायुसेना के सी-130जे सुपर हरक्युलिस एयरक्राफ्ट में इमरजेंसी लैंडिंग कर ईएफएल का उदघाटन किया. इस तीन किलोमीटर लंबे रनवे के साथ ही बाड़मेर और जालौर को जोड़ने वाले एनएच-925 का भी उदघाटन किया गया. इसके बाद सुखोई और जगुआर फाइटर जेट्स ने इस नए ईएफएल पर लैंडिंग और टेकऑफ कर अपने ऑपरेशन्स का प्रदर्शन किया.


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