जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने नये उद्यमियों के लिए अपने एक बड़े चुनावी वादे को पूरा करते हुए बुधवार को एक नया पोर्टल शुरू किया. इसके तहत राज्य में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) वर्ग में नया उद्यम लगाने पर तीन साल तक किसी तरह की कोई मंजूरी नहीं लेनी होगी. ऐसे उद्यमियों को अब एक पोर्टल राजउद्योगमित्र पर पंजीकरण करवाना होगा जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री गहलोत ने की.


यह पोर्टल इस तरह के नये उद्यम को पंजीकरण पर एक प्रमाण पत्र जारी करेगा. सरकार ने इस बारे में एक अध्यादेश मार्च में जारी किया था लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहित लगने के कारण इसका कार्यान्वयन टल गया था. गहलोत ने कहा कि इस अध्यादेश के बदले एक विधेयक विधानसभा के आगामी सत्र में लाया जाएगा.


गहलोत ने कहा, ''उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसा क्रांतिकारी कदम उठाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है. युवा प्रोत्साहित होंगे. तीन साल तक उन्हें सरकार से किसी तरह की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी और न ही कोई सरकारी विभाग उनके यहां निरीक्षण करेगा.'' गहलोत ने कहा कि देश आर्थिक नरमी के दौर से गुजर रहा है हमारे इस फैसले से युवा नये उद्यम लगाने को प्रोत्साहित होंगे और वे खुले दिमाग से कारोबारी इकाइयां लगा सकेंगे.


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही एक नई औद्योगिक नीति लाएगी जिसके लिए काम चल रहा है. इस अवसर पर उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता व अन्य अधिकारी मौजूद थे.


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