नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र के दो बिलों को लेकर देश के कुछ राज्यों में किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इस बीच किसानों के लिए एमएसपी को लेकर जल्द राहत की ख़बर आ सकती है.


जल्द कैबिनेट करेगी फ़ैसला
एबीपी न्यूज़ को जानकारी मिली है कि मोदी सरकार जल्द 2020 - 21 के रबी सीज़न के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी ) का ऐलान कर सकती है. रबी फसलों में गेहूं और कुछ अन्य फ़सलें शामिल हैं. एमएसपी पर जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फ़ैसला होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक़ इसी महीने इस बात का ऐलान हो जाने की उम्मीद है.


गेहूं का एमएसपी बढाने की सिफ़ारिश
एमएसपी की सिफारिश करने वाली सरकारी संस्था केंद्रीय कृषि मूल्य आयोग ( CACP ) ने सरकार को अपनी सिफ़ारिश भेज दी है. एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक़ आयोग ने गेहूं की एमएसपी में 85 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की सिफ़ारिश की है. गेहूं की एमएसपी 2019 - 20 के लिए 1840 रुपए प्रति क्विंटल थी, जिसे बढ़ाकर 1925 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफ़ारिश की गई है. ये पिछले साल के एमएसपी के मुक़ाबले 4.6 फ़ीसदी ज़्यादा है. आयोग के सूत्रों के मुताबिक़ इस साल गेहूं का उत्पादन खर्च 923 रुपए प्रति क्विंटल आंका गया है.


रबी सीजन के अन्य फ़सलों में जौ का एमएसपी 1440 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1525 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफ़ारिश की गई है. जबकि चना के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 255 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी कर 4875 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफ़ारिश की गई है. सबसे ज़्यादा बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दालों के समर्थन मूल्य में किया गया है. दालों के समर्थन मूल्य में 7.3 फ़ीसदी बढोत्तरी की सिफ़ारिश की गई है.


एमएसपी को लेकर किसानों की हैं आशंकाएं
कृषि से जुड़े बिलों को लेकर किसानों के विरोध की एक मुख्य वजह एमएसपी ही है. किसानों को आशंका है कि नया क़ानून बनने के बाद सरकार एमएसपी को ख़त्म कर देना चाहती है. हालांकि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर संसद में और संसद के बाहर कई बार ये बात साफ़ कर चुके हैं कि एमएसपी पहले की तरह जारी रहेगा और किसानों की आशंका निर्मूल है.


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