नई दिल्ली: ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली फंगल-रोधी दवा का उत्पादन बढ़ेगा. रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने कहा है कि सरकार दवा निर्माताओं के साथ बातचीत कर रही है. गौरतलब है कि कोविड-19 से उबर चुके या उबर रहे लोगों में ब्लैक फंगस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों ने चिंता की लकीरें खींच दी हैं.


फंगल-रोधी दवा का उत्पादन बढ़ाने की कवायद


कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच डॉक्टरों ने एक नई समस्या म्यूकोरमिकोसिस के उजागर होने की जानकारी दी है. उनका कहना है कि बीमारी से उबर चुके या उबर रहे लोगों में एक दुर्लभ संक्रमण देखा जा रहा है. उन्होंने चेताया कि ये संक्रमण दिमाग और लंग को प्रभावित करता है और इससे मरीज की जान भी जाने का अंदेशा रहता है. मंत्रालय ने बयान में कहा, "कुछ राज्यों में अचानक से एम्फोटेरिसिन-बी की मांग में वृद्धि देखी गई है. डॉक्टर कोविड-19 के बाद होने वाले ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के इलाज में दवा लेने की सलाह देते हैं. इसलिए भारत सरकार दवा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए निर्माताओं से बातचीत कर रही है.


सरकार दवा निर्माताओं के साथ कर रही बातचीत


दवा के अतिरिक्त आयात और घरेलू स्तर पर उत्पादन में वृद्धि के साथ आपूर्ति की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है." बयान के अनुसार राज्यों से सरकारी, निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा एजेंसियों के बीच आपूर्ति के समान वितरण की व्यवस्था लागू करने का भी अनुरोध किया गया है. राज्यों से ये भी अपील की गई है कि कि आवंटन से दवा प्राप्त करने के लिए राज्य में निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए 'संपर्क बिंदु' का प्रचार किया जाए. मंत्रालय ने कहा, "राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) आपूर्ति व्यवस्था की निगरानी करेगा."


कोरोना संकट पर 12 विपक्षी दलों का PM मोदी को खत, जानिए क्या सुझाव दिए


टीकों की आपूर्ति के बारे में कंपनी की नीयत को लेकर शिकायत करना निराशाजनक: भारत बायोटेक