कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी B M पार्वती ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मूडा) साइट्स को सरेंडर करने की पेशकश कर दी है. सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने मूडा कमिश्नर को लिखे पत्र में कहा कि उनकी 3 एकड़ 16 गुंटा जमीन के बदले में जो 14 प्लॉट्स उन्हें अलग जगह पर दिए गए वो उन्हें सरेंडर करना चाहती हैं.


दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट ने MUDA द्वारा पार्वती को 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को बरकरार रखा था. इसके बाद बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने लोकायुक्त जांच के आदेश दिए. इसके बाद लोकायुक्त ने एफआईआर में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उनकी पत्नी बी.एम. पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू का नाम दर्ज किया है. देवराजू से स्वामी ने जमीन खरीदी थी और बाद में पार्वती को उपहार में दे दी थी.


इस मामले में अब ED की भी इंट्री हो गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिद्धारमैया के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज कर लिया है. 

क्या है पूरा मामला?


कर्नाटक के मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) में विकास योजनाओं के दौरान खुद की जमीन खोने वाले लोगों के लिए 2009 में एक योजना लागू की गई थी. इस योजना के तहत जमीन खोने वाले लोगों को विकसित भूमि का 50 फीसदी हिस्सा देने की बात की गई थी. इसी वजह से आगे चलकर यह योजना 50:50 के नाम से मशहूर हुई.


इस योजना को 2020 में बीजेपी की सरकार ने स्थगित कर दिया गया था. आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि इस मुडा के विकास प्रोग्राम के लिए अधिग्रहित की गई, लेकिन बिना इस जमीन का अधिग्रहण किए ही देवनूर विकास योजना का तृतीय चरण विकसित कर दिया गया. 

इस मामले में सीएम सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, मुडा केस कानून के मुताबिक लड़ा जायेगा. यह पहली बार है कि मेरे साथ जनता के समर्थन से घबराए विपक्ष ने मेरे खिलाफ राजनीति से प्रेरित मामला दर्ज कराया है.