Gujarat: हिंदू जेनभाई का बेटा कैसे बना मोहम्मद अली जिन्ना और करा दिया देश का बंटवारा, गुजरात में आज भी है पुश्तैनी गांव
Jinnah's Gujarat Connection: आजादी से पहले जिसे लोग मोहम्मद अली जेनाभाई के नाम से जानते थे. आजादी के बाद वही मोहम्मद अली जिन्ना बन गए और हिंदुस्तान का बंटवारा करके पाकिस्तान के कायदे आजम बन गए.
Jinnah's Gujarat Connection: गुजरात में विधानसभा चुनावों का सबाब पूरे चरम पर है. विकास के बड़े-बड़े वादों से लेकर ध्रुवीकरण तक, हर तरह से वोटरों को लुभाने की कोशिश की जा रही है. पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का गृह प्रदेश होने के कारण बीजेपी के लिए गुजरात को जीतना जितना आसान लगा रहा है, उतना जरूरी भी है. गुजरात की बात चले तो राष्ट्रपिता गांधी जी और लौह पुरुष सरदार पटेल का जिक्र ना हो, ये हो ही नहीं सकता. गुजरात से एक और बड़ी शख्सियत का नाम जुड़ा है, हालांकि उसको भारत से ज्यादा पाकिस्तान से प्यार था. जी हां, देश के बंटवारे के सबसे बड़े विलेन यानी मोहम्मद अली जिन्ना भी गुजराती थे.
आजादी से पहले जिसे लोग मोहम्मद अली जेनाभाई के नाम से जानते थे. आजादी के बाद वही मोहम्मद अली जिन्ना बन गए और हिंदुस्तान का बंटवारा करके पाकिस्तान के कायदे आजम बन गए. आज हम आपको जिन्ना का गुजरात कनेक्शन और जेनाभाई से जिन्ना तक के उनके बदलाव को बताने जा रहे हैं. बंटवारे के विलेन मोहम्मद अली जिन्ना का पुश्तैनी गांव गुजरात के राजकोट में आज भी है.
पानेली मोटी गांव में आज भी है घर
राजकोट में स्थित पानेली मोटी गांव में ही जिन्ना का जन्म हुआ था. ये गांव राजकोटा जिले के उपलेटा तहसील में है. गांव के बाहर ही एक बड़ा सा गेट बना हुआ है. गेट के अंदर से ही गांव शुरू हो जाता है. ये गांव यूपी-बिहार के गांवों से बिल्कुल अलग है. गांव में शहरों की तरह दुकानें हैं, बैंक है और गांव के भीतर चौड़ी-चौड़ी सड़कें बनी हुई हैं.
जिन्ना के घर में अब कोई और रहने लगा
गांव में आज भी जिन्ना का पुश्तैनी घर मौजूद है. गांव में जिन्ना का दो मंजिला मकान स्थित है. इसी घर में जिन्ना का पूरा परिवार रहता था. घर आज भी उसी तरह से दिखता है जैसा जिन्ना इसे छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे. हालांकि अब घर में कोई और रहने लगा है. गांव वालों ने बताया कि बंटवारे के बाद जिन्ना का पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया था. गांववालों ने बताया कि 16 साल की उम्र मे जिन्ना की शादी गुजरात के जामनगर में स्थित खोजा बाराजा गांव की ही ऐमीबाई से हुई थी, लेकिन शादी के बाद से दोनों की मुलाकात कभी नहीं हुई.
जिन्ना का परिवार कैसे मुसलमान बना?
मोहम्मद अली जिन्ना के दादा पूंजाभाई ठक्कर हिंदू थे. वे लोहाना ठक्कर बिरादरी से ताल्लुक रखते थे. गांववालों के मुताबिक पूंजाभाई का परिवार भगवान कृष्ण का भक्त था. अब सवाल उठता है कि फिर जिन्ना का खानदान मुसलमान कैसे बन गया? इसका भी जवाब गांव के एक व्यक्ति ने दिया. उसने बताया कि उनका परिवार जब मछलियों का बिजनेस करने लगा था, तो गांव वालों ने उन्हें हिंदू धर्म से निकाल दिया था, जिसके बाद पूरे परिवार ने मुस्लिम धर्म अपना लिया था.
जिन्ना का परिवार कराची चला गया
गांववाले ने बताया कि जिन्ना के दादा ने फिर से हिंदू धर्म अपनाना चाहा, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो सका था. मुस्लिम धर्म अपनाने पर पूरा परिवार को काफी दुखी हुआ था. परिवार की जब हिंदू धर्म में वापसी नहीं हो पाई तो पूरा परिवार कराची चला गया. कराची में जिन्ना के पिता जेनाभाई पूंजा की मुलाकात सर फ्रेडरिक ली क्रॉफ्ट से हुई. फ्रेडरिक कराची में डगलस ग्राहम एंड कंपनी में जनरल मैनेजर थे.
जेनाभाई से जिन्ना बनने का सफर?
फ्रेडरिक की सलाह पर ही जिन्ना कारोबार सीखने के लिए लंदन गए थे और यहीं उन्होंने अपने नाम से जेनाभाई हटाकर जिन्ना कर लिया. मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद भी जेनाभाई ने अपने परिवार की परवरिश हिंदू धर्म के अनुसार की. जिन्ना भी शुरू में काफी खुले विचारों वाले और उदारवादी थे. जिन्ना ने भले ही धार्मिक आधार पर हिंदुस्तान के टुकड़े करके पाकिस्तान को बनवाया था, लेकिन वे खुद धर्म को नहीं मानते थे. वे इस्लामी रीति-रिवाजों का भी पालन नहीं करते थे. वे सुअर का गोश्त खाते थे और शराब पीते थे.
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