Muharram 2022: अधीर रंजन चौधरी ने फिर की बड़ी गलती, मुहर्रम पर मुबारकबाद देकर ट्विटर पर हुए ट्रोल
Muharram 2022: हजरत इमाम हुसैन की शहादत का दिन मुहर्रम की 10वीं तारीख यानी आशूरा थी. इसलिए उनकी याद में मुस्लिम समुदाय के लोग आशूरा को मातम के रूप में मनाते हैं.
Adhir Ranjan Chowdhury Tweet: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी आए दिन अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं. अभी पिछले दिनों उनके द्वारा राष्ट्रपति को लेकर दिए बयान पर काफी बवाल हुआ था. राष्ट्रपति को लेकर दिए बयान पर अधीर रंजन को माफी तक मांगनी पड़ गई थी. अब अधीर रंजन चौधरी ने एक बार और भारी गलती कर दी है. दरअसल उन्होंने मुहर्रम पर मुबारकबाद दे दिया है. रंजन ने मंगलवार को अपने ट्विटर पर पोस्ट के जरिए मुहर्रम पर मुबारकबाद दी.
हालांकि अपनी गलती का एहसास होने के बाद अधीर रंजन चौधरी ट्वीट डिलिट कर लिया, लेकिन उनके इस ट्वीट का स्क्रिन शॉट वायरल हो रहा है. ट्विटर पर एक यूजर सुरेश ने अधीर रंजन के ट्वीट का स्क्रिन शॉट शेयर करते हुए लिखा, "आपने ये ट्वीट क्यों डीलिट किया? आपके अनुसार मुहर्रम इस्लामिक नया साल होगा?" उनके कई यूजर ट्रोल कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मातम के दिन दी मुहर्रम की बधाई... @adhirrcinc @sambitswaraj @naqvimukhtar @BJP4India #Congress #muharram2022 pic.twitter.com/t6H8FJWm2P
— राजेश कुमार/Rajesh Kumar (@rajeshemmc) August 9, 2022
मुहर्रम का इस्लाम में महत्व
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र महीना मुहर्रम को माना जाता है. इस महीने में 10वें दिन आशूरा की तारीख होती है, जिसका इस्लाम धर्म में विशेष महत्व है. मुहर्रम का महीना 31 जुलाई से शुरू हुआ था, इसलिए आज आशूरा की तारीख है. इसे यौम-ए-आशूरा भी कहा जाता है. इस्लाम में यह दिन मातम का दिन होता है. आज से करीब 1400 साल पहले इराक के कर्बला शहर में पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन और यजीद के सेना के बीच जंग छिड़ गई थी. हजरात इमाम हुसैन इस्लाम की रक्षा के लिए लड़ रहे थे. इस जंग में हजरत इमाम हुसैन ने परिवार और 72 साथियों के साथ शहादत दी थी.
ये वजह है..
हजरत इमाम हुसैन की शहादत का दिन मुहर्रम की 10वीं तारीख यानी आशूरा थी. इसलिए उनकी याद में मुस्लिम समुदाय के लोग आशूरा को मातम के रूप में मनाते हैं. यही वजह है कि मुहर्रम पर मुबारकबाद नहीं दी जाती लेकिन अधीर रंजन चौधरी ने ये गलती कर दी.
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