लखनऊ: मुहर्रम के दौरान यूपी के कई शहरों में हिंसा भड़क गई है. कहीं पत्थरबाज़ी तो कहीं आगजनी के चलते हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. यूपी के कानपुर, बलिया, कुशीनगर और बाराबंकी तहत 9 जिलों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं. सबसे खराब हालात कानपुर में बन गए.


'प्रशासन ने मुस्दैती दिखाता तो ये नहीं होता'
पहले मामूली विवाद में दो पक्ष रावतपुर में आमने-सामने आ गए. इसके बाद मुहर्रम के जुलूस के दौरान पथराव से हालात और भी बिगड़ गई. दोनों ओर से हुई पत्थरबाज़ी में पुलिस अधिकारियों समेत कई लोग ज़ख़्मी हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने मुस्दैती दिखाई होती तो इस टकराव को टाला जा सकता था. प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है.


कानपुर में एक और जगह बवाल
कानपुर के ही परमपुरवा में ताजिए के जुलूस को तय जगह से आगे ले जाने पर विवाद खड़ा हो गया. गर्मागर्मी कुछ इस कदर बढ़ी कि इसने देखते ही देखते आगजनी का रूप ले लिया.


घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
हिंसा के बाद स्थानीय लोग बेहद डरे हुए हैं और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. हालात को देखते हुए कानपुर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. साथ ही पूरी घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं.


बलिया के सिकंदर पुर में भी बवाल, 144 लागू
बलिया के सिकंदरपुर में विजयदशमी पर हुआ विवाद मोहर्रम में और भी गहरा गया. आरोप है कि ताजिया जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने पत्थरबाज़ी की और इसी के चलते दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी.


उत्पात में शामिल लोगों ने कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया. बलिया में हुए इस बवाल में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. पुलिस ने बलवे में शामिल 10 लोगों को गिरफ़्तार कर इलाके में धारा 144 लगा दी है.


कुशीनगर में पुलिस पर हमला
कुशीनगर में ताजिये के जूलूस के दौरान अराजक तत्वों ने पुलिस वालों पर ही हमला बोल दिया. बताया जा रहा है कि धारदार हथियारों से लैस कुछ युवक ताज़िए को दूसरे रास्ते से ले जाने की जिद पर अड़ गए जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो एसओ पर हमला बोल दिया. जिसके बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भेजकर हालात को काबू किया गया.