नई दिल्ली: अयोध्या में बनने वाले श्री राम मंदिर के भूमि पूजन की तारीख नजदीक आ रही है, लेकिन सबके बीच लगातार मंदिर पूजन की तारीख और वक्त के मुहूर्त को लेकर सवाल उठ रहे हैं. अब मुहूर्त को लेकर सवाल उठाया है शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि जिस दिन और वक़्त पर श्री राम जन्म भूमि पर राम मंदिर के लिए भूमि पूजन हो रहा है वह मुहूर्त ठीक नहीं है. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के बयान पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि जिस दिन यह भूमि पूजन हो रहा है, उस दिन का मुहूर्त बिल्कुल ठीक है और यह तारीख और वक्त ज्योतिषाचार्य से सलाह मशवरा के बाद ही तय किया गया है.
ज्योतिषाचार्यों से चर्चा के बाद ही तय किया गया भूमि पूजन का मुहूर्त
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के मुहूर्त को लेकर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अयोध्या में 5 अगस्त को भूमि पूजन की तारीख यूं ही नहीं तय की गई, इसके लिए काशी विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्य से चर्चा की गई थी. ज्योतिषाचार्य से चर्चा करने और सलाह मशवरा के बाद ही यह दिन और वक्त तय किया गया है और मुहूर्त के लिए ये वक़्त बिल्कुल ठीक है.
राम के काम के लिए कोई मुहूर्त खराब नहीं
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि जो लोग मुहूर्त की बात कर रहे हैं, उनको यह समझना चाहिए कि राम का नाम लेकर हर शुभ काम की शुरुआत होती है, तो भला राम के मंदिर निर्माण के लिए कोई मुहूर्त खराब कैसे हो सकता है. आलोक कुमार ने कहा कि देश इस पल का पिछली कई सदियों से इंतजार कर रहा था और अब जब यह पल आया है तो इसमें और देरी का सवाल ही नहीं उठता.
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने उठाए हैं भूमि पूजन के मुहूर्त पर सवाल
गौरतलब है कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन के मुहूर्त को लेकर सवाल उठाए थे. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि फिलहाल जिस मुहूर्त में भूमि पूजन हो रहा है वह मुहूर्त ठीक नहीं है, क्योंकि यह वह वक्त है जब देव सोते हैं और इस वक्त में कोई शुभ काम नहीं किया जाता. स्वरूपानंद सरस्वती ने इस भूमि पूजन को अनुछेद 370 के खात्मे के साथ भी जोड़ते हुए कहा कि भूमि पूजन 5 अगस्त को इस वजह से किया जा रहा है, क्योंकि पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया था. इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल भी 5 अगस्त को ये आयोजन किया गया है.
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