मुकेश अंबानी ने पीएम मोदी के साहसिक सुधारों की सराहना की, कहा- ये भारत के आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा
पीडीपीयू के आठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि साहसिक सुधारों से आने वाले सालों में तेजी से आर्थिक पुनरुद्धार होगा और तेज प्रगति होगी.
गांधीनगर: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) मुकेश अंबानी ने पीएम नरेंद्र मोदी के साहसिक सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत की तीव्र आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा. पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी (पीडीपीयू) के आठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा कि उनके (पीएम मोदी) जोशीले और गतिशील नेतृत्व में दुनिया ने नए भारत को उभरते देखा है. उनके आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास ने पूरे राष्ट्र को प्रेरित और प्रेरित किया है. अंबानी इस संस्थान के अध्यक्ष भी हैं.
अंबानी ने कहा, “जैसा कि हम सब जानते हैं कि पीडीपीयू प्रधानमंत्री के ‘आत्म निर्भर’ दृष्टिकोण का हिस्सा है. यह एक दृष्टि है, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी उन्होंने इसे पोषित किया था. पीडीपीयू केवल चौदह साल पुरानी है. फिर भी, यह पहले से ही नवाचारों पर अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशंस में टॉप-25 में शुमार है.”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “भारत ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश किया है. हम इस मोड़ पर ढिलाई नहीं बरत सकते.’’ उन्होंने कहा कि भारत की एक प्राचीन भूमि है और इसने इतिहास में भी कई प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया है. भारत हर बार पहले से अधिक मजबूत होकर उभरा है, क्योंकि लचीलापन लोगों और संस्कृति में गहराई से निहित है.
अंबानी ने समारोह को आभासी माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें कोविड-19 के बाद के काल में शानदार वृद्धि दिखाई दे रही है. उन्होंने ग्रेजुएट हो रहे विद्यार्थियों से कहा कि वे घबराहट छोड़ उम्मीद तथा भरोसे के साथ परिसर के बाहर की दुनिया में प्रवेश करें. उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि अगले दो दशक में अप्रत्याशित अवसर सृजित करेगी और भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा.
देश के सबसे अमीर कारोबारी ने कहा, अभी दुनिया के समक्ष इस बात की चुनौती है कि क्या हम बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये ऊर्जा का उत्पादन कर सकते हैं. अभी दुनिया को जितनी ऊर्जा की जरूरत पड़ रही है, इस सदी के मध्य में दुनिया इससे दोगुनी ऊर्जा का इस्तेमाल करेगी. भारत की प्रति व्यक्ति ऊर्जा जरूरतें अगले दो दशक में दोगुनी हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनने के साथ ही स्वच्छ व हरित ऊर्जा की महाशक्ति बनने के दोहरे लक्ष्य को एकसाथ प्राप्त करने की जरूरत है.
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