Mukesh Ambani Threat: एंटीलिया कांड के बाद एक बार फिर से देश के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को धमकी दी गई. इस बार रिलाइंस फ़ाउंडेशन हॉस्पिटल के डिस्प्ले नंबर पर धमकी भरा फ़ोन कॉल आया है. कॉलर ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार को धमकी दी जिसके बाद अस्पताल के लोगों ने इस बात की शिकायत DB मार्ग पुलिस स्टेशन में की. सूत्रों ने बताया कि कुल मिलाकर 8 धमकी भरे कॉल आएं जिसे अब पुलिस वेरिफ़ाय करने में जुटी है. वहीं, अब ताजा जानकारी के मुताबिक, एंटीलिया धमकी मामले में मुंबई पुलिस ने दहिसर से एक शख्स को गिरफ्तार किया है. ये मामला प्रैंक कॉल की तरह लगता दिखाई पड़ रहा है. शख्स को पकड़ने के लिए मुंबई पुलिस की 4 टीमों को लगाया गया था. एक घंटे के कम समय में ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
एंटीलिया के आसपास सादे कपड़ों में घुम रही पुलिस
धमकी भरे कॉल की सूचना मिलने के बाद मुंबई पुलिस की एक टीम, महाराष्ट्र ATS की टीम और क्राइम ब्रांच की टीम एंटीलिया पहुंची है. साथ ही एंटीलिया के आसपास की सड़कों पर पुलिस सादे कपड़ों में घुम रही है ताकि अगर कोई संदिग्ध दिखाई दे तो उससे पूछताछ की जा सके. इसके अलावा, पूरे इलाके में पुलिस तलाशी ले रही है. बता दें, पिछले साल मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया से कुछ ही दूरी पर एक संदिग्ध कार मिली थी जिसमें 20 जिलेटिन छड़ें बरामद हुए थे. हालांकि, इसे असेंबल नहीं किया गया था. एंटीलिया के बाहर खड़ी इस स्कॉर्पियों में एक चिठ्ठी भी मिली थी जिसमें अंबानी परिवार को उड़ाने की धमकी दी गई थी.
बढ़ा दी गई थी सुरक्षा
स्कॉर्पियों में मिले इस बैग पर मुंबई इंडियंस लिखा हुआ था. साथ ही चिठ्ठी में लिखा था कि, ''तुम और तुम्हारा पूरा परिवार संभल जाना. तुम्हें उड़ाने का पूरा इंतजाम हो गया है.'' वहीं, कार से जलेटिन छड़ें बरामद होने के बाद मुंबई पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई. वहीं, मुकेश अंबानी के Z+ सिक्योरिटी को सीआरपीएफ को सौंपा गया और मुकेश अंबानी के पत्नी नीता अंबानी को Y कैटिगरी सुरक्षा दी गई.
साल 2016 में हिजबुल मुजाहिद्दीन से मिली थी धमकी
बताते चले, मुकेश अंबानी को साल 2013 के वक्त हिजबुल मुजाहिद्दीन से धमकी मिली थी जिसके बाद उन्हें तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की ओर से Z+ सिक्योरिटी दी गई थी. वहीं, उनकी पत्नी नीता अंबानी को भी Y+ सिक्योरिटी दी गई. साथ ही मुकेश अंबानी के बच्चों को महाराष्ट्र सरकार की ओर से उन्हें ग्रेडेड सुरक्षा दी जाने लगी.
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