मुकेश अंबानी ने अपने वेतन को लेकर लिया है ये फैसला
अंबानी ने अपने पूरे साल का वेतन छोड़ने का निर्णय किया है. वहीं कंपनी के ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन में 10 से 50 प्रतिशत तक कटौती का फैसला किया गया है. कंपनी की विभिन्न इकाइयों के प्रमुखों ने कर्मचारियों को वेतन कटौती का भी निर्णय सुनाया है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस संकट के असर से देश के सबसे अमीर व्यक्ति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी भी अछूते नहीं रहे. अंबानी ने अपने पूरे साल का वेतन छोड़ने का निर्णय किया है. वहीं कंपनी के ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन में 10 से 50 प्रतिशत तक कटौती का फैसला किया गया है.
रिफाइनरी से लेकर दूरसंचार क्षेत्र तक विविध काम करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कर्मचारियों को भेजे एक संदेश में यह जानकारी दी. कंपनी ने कर्मचारियों का सालाना बोनस टाल दिया है जो सामान्यत: वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दिया जाता है.
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) जारी है. इसकी वजह से कल-कारखाने, उड़ानें, रेल, सड़क परिवहन, लोगों की आवाजाही, कार्यालय और सिनेमाघर इत्यादि सब बंद हैं. लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. इससे बाजार में मांग प्रभावित हुई है और इसका असर कारोबारों पर हो रहा है.
रिलायंस का रिफाइनरी कारोबार इससे बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कंपनी की विभिन्न इकाइयों के प्रमुखों ने कर्मचारियों को वेतन कटौती की जानकारी वाला संदेश भेजा. संदेश में लिखा है, ‘‘ हमारे हाइड्रोकार्बन कारोबार पर काफी दबाव है. इसलिए हमें अपनी लागत को युक्तिसंगत बनाना होगा और हम सभी क्षेत्रों में लागत कटौती कर रहे हैं. वर्तमान स्थिति की मांग है कि हम अपनी परिचालन लागत और तय लागत हो युक्ति संगत बनाएं और सभी को इसमें योगदान करने की जरूरत है.’’
अंबानी अपने पूरे साल का 15 करोड़ रुपये का वेतन छोड़ रहे हैं. कार्यकारी निदेशक, कार्यकारी समिति के सदस्यों समेत रिलायंस के निदेशक मंडल के सदस्यों का वेतन 30 से 50 प्रतिशत तक काटा जाएगा. जिन कर्मचारियों का पैकेज 15 लाख रुपये से कम है उनके वेतन में कोई कटौती नहीं जाएगी. लेकिन इससे ऊपर की आय वालों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती होगी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख के तौर पर अंबानी सालाना 15 करोड़ रुपये का वेतन लेते हैं. उनके वेतन में 2008-09 के बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ है. संदेश के मुताबिक कंपनी लगातार आर्थिक और कारोबारी हालात की समीक्षा करेगी और अपनी आय बढ़ाने के जरिए तलाशेगी.
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