नई दिल्लीः केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि अल्पसंख्यक समाज के शैक्षणिक सशक्तीकरण और रोजगार सृजन के मकसद से वक्फ संपत्तियों के विकास का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे देश में ऐसी संपत्तियों का 100 फीसदी डिजिटलीकरण भी किया जाएगा.


केंद्रीय वक्फ परिषद की 80वीं बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश भर में वक्फ संपत्तियों पर स्कूल, कालेज, हास्पिटल, सामुदायिक भवन आदि के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत शत-प्रतिशत फंडिग करने का निर्णय लिया है.


उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश भर में वक्फ संपत्तियों के समाज विशेषकर आर्थिक रूप से पिछड़ी लड़कियों के शैक्षिक सशक्तिकरण और रोजगारपरक कौशल विकास के लिए इस्तेमाल करने के लिए केंद्र सरकार ने युद्धस्तर पर अभियान चलाने का फैसला लिया है.’’





केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा, ''केंद्र की मोदी सरकार प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत देश के उन पिछड़े क्षेत्रों में तबकों और विशेषकर लड़कियों की शिक्षा एवं रोजगारपरक कौशल विकास हेतु मूलभूत सुविधाएं पहुंचा रही है जहाँ आजादी के बाद से यह सुविधाएं नहीं पहुंच पाई थी.’’


अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार 'प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम' के तहत केंद्र सरकार देश भर में वक्फ सम्पत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, कौशल विकास केंद्र, बहु-उदेशीय सामुदायिक केंद्र 'सद्भाव मंडप', 'हुनर हब', अस्पताल, व्यावसायिक केंद्र, कॉमन सर्विस सेंटर आदि का निर्माण बड़े पैमाने पर कर रही है.


नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अल्पसंख्यकों के लिए देश के सिर्फ 100 जिलों तक सीमित विकास योजनाओं का विस्तार "प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम" के अंतर्गत 308 जिलों में कर दिया है. देशभर में लगभग 5.77 लाख पंजीकृत वक्फ संपत्तियां हैं जिन्हें जियो टैगिंग और उनके रिकॉर्ड को डिजिटल किया जा रहा है.


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