'आस्था के नाम पर...', कांवड़ यात्रा को लेकर आदेश पर मुख्तार अब्बास नकवी ने यूपी सरकार को दे दी बड़ी सीख
Kanwar Yatra 2024: UP में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने के निर्देश पर विपक्ष लगातार हमलवार है. इसी बीच BJP के सीनियर लीडर मुख्तार अब्बास नकवी ने एक बड़ा बयान दिया है.
Kanwar Yatra 2024: देश में इस बार 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो रही है. इससे पहले योगी सरकार ने इस यात्रा से पहले एक बड़ा आदेश दिया है. इस आदेश में कहा गया है कि यात्रा रूट वाले यूपी के कुछ जिलों में खाने-पीने और फल की दुकानों पर दुकानदारों को अपने असल नाम का बोर्ड लगाना होगा.
सरकार के इस आदेश पर विपक्ष हमलावर है. विपक्ष सरकार के इस फैसले को तत्काल निरस्त करने की मांग उठा रहा है. इसी बीच बीजेपी के सीनियर नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कही ये बात
उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने के निर्देश पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "एक सीमित प्रशासनिक दिशानिर्देश के कारण इस तरह का असमंजस हुआ था, मुझे खुशी है कि राज्य सरकार ने जो भी सांप्रदायिक भ्रम पैदा हुआ था उसे दूर किया है. मेरा यही कहना है कि इस तरह के विषयों पर किसी को सांप्रदायिक भ्रम फैलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. यह किसी मुल्क, मजहब, मानवता के लिए अच्छा नहीं है. आस्था का सम्मान और आस्था की सुरक्षा पर सांप्रदायिक सियासत नहीं होनी चाहिए. "
#WATCH | On 'nameplates' on food shops on Kanwar route in Uttar Pradesh, BJP leader Mukhtar Abbas Naqvi says, "Confusion had erupted, on the basis of a limited administrative guideline. I am happy that the State Government has clarified all communal confusion. As far as devotion,… pic.twitter.com/MHJIH4rDWo
— ANI (@ANI) July 19, 2024
ओवैसी पर साधा निशाना
इस मामले पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर उन्होंने कहा, "कुछ लोगों को धर्मनिरपेक्ष शेरवानी पहनकर सांप्रदायिक बदनामी करने की आदत है. मुझे लगता है कि यह न तो देश के हित में है. बता दें कि इसको इस मामले को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, 'यह मुसलमानों का बहिष्कार है. यूपी सरकार छुआछूत को बढ़ावा दे रही है. जब से यह आदेश दिया है, मुजफ्फरनगर के ढाबों से मुस्लिम कर्मचारियों को निकाल दिया गया है. क्या सरकार सिर्फ एक समुदाय के लिए काम करेगी?'