Mukhtar-Afzal Ansari Sentence: पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके भाई बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट मामले में उत्तर प्रदेश की गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से कारावास की सजा सुनाई गई है, साथ ही भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया गया है.


मुख्तार को दस साल की सजा मिली है और पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है तो वहीं अफजाल को चार साल की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आइये जानते हैं मुख्तार और अफजाल के मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें.



  1. मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी के खिलाफ 2007 में यूपी के गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में मामले (क्राइम नंबर 1051 और 1052) दर्ज हुए थे.   

  2. शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने 22 नवंबर 2007 को गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद कोतवाली में गैंगस्टर चार्ट में सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी को शामिल करते हुए गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था. 23 सितंबर 2022 को प्रथम दृष्टया दोनों के खिलाफ आरोप तय किए गए और अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी हुई. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. शनिवार को अदालत ने मामले में मुख्तार अंसारी और अफजाल को सजा सुनाई. 

  3. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, गाजीपुर की विशेष सांसद-विधायक अदालत के अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) दुर्गेश ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई.

  4. मुख्तार के खिलाफ बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता रुंगटा की हत्या के मामले में गैंगस्टर केस दर्ज हुआ था  जबकि उसके भाई अफजाल पर कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दर्ज केस के आधार पर गैंगस्टर केस लगा था.

  5. 2007 में मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी के अलावा उनके बहनोई एजाजुल हक के खिलाफ भी गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था. एजाजुल हक की मौत हो चुकी है. 

  6. बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या 29 नवंबर 2005 में हुई थी. मोहम्मदाबाद के बसनिया चट्टी में कृष्णानंद राय समेत सात लोगों पर गोलियां बरसाकर उनकी हत्या की गई थी. हत्याकांड में एके-47 का भी इस्तेमाल हुआ था.

  7. गैंगस्टर एक्ट केस में 2012 में ट्रायल शुरू हुआ था. 23 सितंबर 2022 को प्रथम दृष्टया आरोप तय किए थे. इस साल 1 अप्रैल को मामले में सुनवाई पूरी हुई थी. पहले 15 अप्रैल को सजा सुनाई जानी थी लेकिन पीठासीन अधिकारी के छुट्टी पर होने की वजह से फैसला टल गया था. तब 29 अप्रैल के लिए फैसले की तारीख तय की गई थी. 

  8. अफजाल अंसारी यूपी के गाजीपुर से बीएसपी सांसद हैं. उन्हें चार साल कारावास की सजा मिली है. सजा मिलने के कारण अब उनकी संसद सदस्यता भी समाप्त हो सकती है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है कि फौजदारी मामले में दो साल या उससे ज्यादा की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को ‘ऐसी सजा की तारीख से’ अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और जेल में समय बिताने के बाद छह साल के लिए अयोग्यता बरकरार रहेगी.

  9. मुख्तार अंसारी मऊ जिले की मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं. मुख्तार अंसारी ने 2022 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और उनकी सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से किस्मत आजमा रहे उनके बेटे अब्बास अंसारी विधायक चुने गए थे. मुख्तार अंसारी इस समय आपराधिक मामलों में बांदा की एक जेल में बंद हैं.

  10. मुख्तार की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई थी. हालांकि अफजाल अंसारी अदालत में पेश हुए थे और सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. 


बता दें कि दोनों भाइयों को सजा सुनाए जाने से कृष्णानंद राय की पत्नी और पूर्व विधायक अल्का राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में माफिया राज खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.


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