Mukhtar Ansari Death News: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में गुरुवार (28 मार्च) को हॉर्ट अटैक पड़ने से मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है. गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब बीजेपी के पूर्व विधायक दिवंगत कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष कुमार राय ने एक निजी टीवी चैनल पर खुलकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
पीयूष राय ने पिता की हत्या के बाद अब मुख्तार अंसारी की मौत पर कहा कि आपने अपने जीवन में संघर्ष किया है. आपने त्याग किया है तो उसका फल जब आपको अपने अराध्य से मिलता है तो बहुत खुशी होती है. मेरी माता जी के त्याग, तपस्या और बलिदान का फल (न्याय) हमारे अराध्य बाबा गोरखनाथ और बाबा विश्वनाथ से सूद समेत मिला है.
'किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले थे मेरे पिता कृष्णानंद राय'
बेटे पीयूष ने कहा कि मेरे पिता कृष्णानंद राय किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रहे. मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी 1985 से मोहम्मदाबाद सीट का चुनाव जीतते आ रहे थे. 1996-97 में पहली बार मेरे पिता कृष्णानंद राय ने चुनौती दी थी और दूसरे नंबर पर रहे थे. वहीं, कृष्णानंद राय ने मोहम्मदाबाद सीट से 2002 में मुख्तार के भाई को 8000 वोटों के अंतराल से हरा दिया था. इस हार के बाद इनको लगा कि इलाके में इनका वर्चस्व खत्म हो जाएगा.
'2005 में हत्या नहीं, बर्बरतापूर्ण हत्या थी'
पीयूष राय ने कहा कि इस चुनाव में हारने के बाद से कृष्णानंद राय अंसारी अंसारी परिवार के सबसे बड़े दुश्मन बन गये थे. इसके बाद 29 नवंबर 2005 को तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इन सभी पर 400 रांउड गोलियां चलाई गईं थीं. इनकी मौत हो जाने के बाद भी गोलियां बरसाई जाती रहीं थीं. यह हत्या नहीं बल्कि बर्बरतापूर्ण हत्या थी.
'अपराधियों को पूर्व की सरकारों में मिलता रहा पूरा संरक्षण'
कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष ने आरोप लगाया कि इन अपराधियों को पूर्व की सरकारों का पूरा संरक्षण मिलता रहा. अतीक अहमद या मुख्तार अंसारी सभी के खिलाफ कार्रवाई 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार आने के बाद हुई. यूपी में सभी ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई जिन्होंने राजनीतिक संरक्षण में अपराध को चरम पर बनाया हुआ था. यूपी की बीजेपी सरकार ने अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपनाई.
जेल में रहकर 3 बार चुने गए विधायक
हैरान करने वाली बात यह है कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी 24 साल तक विधायक चुने जाते रहे. जेल में बंद रहने के बावजूद भी 3 बार विधायक निर्वाचित हुए. मुख्तार अंसारी बीजेपी को छोड़कर करीब-करीब सभी पार्टियों के साथ जुड़े रहे जिसकी वजह से सरकारों में उनको पूरा राजनीतिक समर्थन व संरक्षण मिलता रहा. वहीं अब मुख्तार अंसारी की मौत के बाद सूबे में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिहाज से धारा 144 लागू है.
यह भी पढ़ें: Mukhtar Ansari Death: लंबी चौड़ी कद काठी के बाहुबली मुख्तार अंसारी के लिए खोदी गई कितने फुट की कब्र