Mukhtar Ansari Death News: पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गुरुवार (28 मार्च) को देर रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. उनकी मौत के बाद पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के कालीबाद कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे, जहां पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार का शव उन्हें सौंप दिया जाएगा. जुमे की नमाज के बाद बांदा मेडिकल कॉलेज से मुख्तार अंसारी का शव निकाला जाएगा. इससे पहले देर रात गाजीपुर के डीएम और एसपी ने कब्रिस्तान का निरीक्षण किया. सूत्रों के मुताबिक अंसारी को उनके पिता सुभानुल्लाह अंसारी की कब्र के बगल में दफनाया जाएगा.
'मुख्तार अंसारी को नहीं मिला इलाज'
इस बीच मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी कहा कि प्रशासन ने मुझे उनकी मौत के बारे में सूचित नहीं किया. मुख्तार 18 मार्च से बहुत बीमार थे और उनको इलाज नहीं मिल रहा था. 25-26 मार्च की रात को उनकी हालत बहुत खराब थी, इसलिए औपचारिकता के तौर पर उन्हें कुछ घंटों के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया. फिर उन्हें वापस भेज दिया गया और कहा गया कि उनकी हालत स्थिर है. उनका कोई इलाज नहीं किया गया.
अंसारी के वकील ने बताया हत्या
वहीं, अंसारी की मौत पर उनके वकील रणधीर सिंह सुमन ने कहा है कि उनकी मौत नहीं, हत्या की गई है. दो दिन पहले ही पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी ने आरोप लगाया था कि बांदा जेल में उन्हें जहर दिया जा रहा है, जिससे उनकी मौत हो सकती है. इसके अलावा मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में भी अपनी जान को खतरा बताकर अदालत से जेल में अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की थी, जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया था.
पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिर्टी से स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स करने के बाद साल 1996 में राजनीति में कदम रख दिया था. पहली बार वह साल 1996 में मऊ से विधायक बने. इसी सीट पर 2002, 2007, 2012 और 2017 में विधायक चुने गए. दो बार BSP के टिकट पर, दो बाद निदर्लीय उम्मीदवार के तौर पर और एक बार खुद की पार्टी कौमी एकता दल के टिकट पर विधायक चुने गए थे.