Mukhtar Ansari Death News: माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता अशोक सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इसे भगवान की सजा बताया और कहा- मेरे भाई मन्ना सिंह की हत्या का फैसला आना बाकी है मगर इससे पहले ही भगवान ने एक अपराधी को उसके किए की सजा मुकर्रर कर दी.


यूपी के मऊ से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी 63 साल के थे. गुरुवार (29 मार्च, 2024) को को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा की जिला जेल से उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई. बांदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुनील कौशल ने इस बारे में समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, ''मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से अंसारी की मौत हो गई.''


भाई का दावा- मुख्तार अंसारी को जेल में दिया गया जहर! 


मुख्तार अंसारी के भाई सांसद अफजाल अंसारी के मुताबिक, मुख्तार अंसारी ने उन्हें बताया था कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ खिलाया गया है. ऐसा दूसरी बार हुआ है. भाई ने उन्हें बताया था कि करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था और हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर ऐसा किया गया, जिसके बाद से उनकी हालत खराब है.


मुख्तार अंसारी के खिलाफ थे 60 पेंडिंग केस


मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई थी. वह बांदा की जेल में बंद थे, जबकि पूर्व विधायक के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, नयी दिल्ली और कई अन्य राज्यों में लगभग 60 मामले लंबित थे.


मन्ना सिंह हत्याकांड में क्या हुआ था? जानिए मामला


यह पूरा मामला साल 2009 का है. तब 29 अगस्त को कोतवाली क्षेत्र में ठेकेदार मन्ना सिंह और साथी राजेश राय की हत्या कर दी थी. बाइक सवार बदमाश तब आए थे और उन्होंने उन दोनों पर फायरिंग कर दी थी. मर्डर के बाद मन्ना सिंह के भाई हरेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी, हनुमान पांडे, कल्लू सिंह और उमेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराया था, जबकि चश्मदीद गवाह राम सिंह मौर्य को 19 मार्च, 2010 को मऊ में मौत के घाट उतार दिया गया था. यही नहीं, तब गवाह राम सिंह की सिक्योरिटी में तैनात कॉन्स्टेबल सतीश का भी मर्डर कर दिया गया था.