Pappu Yadav On Mukhtar Ansari Death: 'यह कानून, न्याय और संविधान को दफन करने जैसा', पप्पू यादव बोले- मुख्तार अंसारी की मौत पर संज्ञान लें CJI
मुख्तार ने 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में मऊ से जीत हासिल की. इनमें से 3 चुनाव उसने जेल से लड़ें. 2009 में मुख्तार बसपा के टिकट पर वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गए.
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई. वह बांदा जेल में बंद था. मुख्तार को जेल में दिल का दौड़ा पड़ा था और वह बेहोश होकर गिर पड़ा. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां एक घंटे बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मुख्तार अंसारी की मौत पर पप्पू यादव ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से स्वतः संज्ञान लेने की अपील की है और जांच की मांग की है.
पप्पू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ''पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी जी की सांस्थानिक हत्या. कानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इसका स्वतः संज्ञान लें. उनके दिशा-निर्देश में निष्पक्ष जांच हो. कई दिन से वह आरोप लगा रहे थे कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है. उनके सांसद भाई ने भी यह आरोप लगाया था. देश की संवैधानिक व्यवस्था के लिए अमिट कलंक.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) March 28, 2024
इसका स्वतः संज्ञान लें! उनके
दिशा-निर्देश में निष्पक्ष जांच हो।
कई दिन से वह आरोप लगा रहे थे
उन्हें धीमा ज़हर दिया जा रहा है
उनके सांसद भाई ने भी यह आरोप
लगाया गया था। देश की संवैधानिक
व्यवस्था के लिए अमिट कलंक! https://t.co/PuiXloILyB
इससे पहले मुख्तार को मंगलवार को पेट में गैस और यूरिन इन्फेक्शन की शिकायत के चलते मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था. जहां उसे ICU में रखा गया था. हालांकि, बाद में अस्पताल से उसे छुट्टी मिल गई थी. हालांकि, इससे पहले उसके पेट का एक्सरे भी हुआ था. इसके अलावा उसकी शुगर, सीबीसी, एलएफटी, इलेक्ट्रोलाइट की जांच कराई गई थी. रिपोर्ट नॉर्मल होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई थी.
मुख्तार अंसारी ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में आवेदन दिया कि 19 मार्च की रात खाने में पॉइजन दिया गया. इसकी वजह से तबीयत खराब हो गई, मुख्तार ने कहा था कि बहुत घबराहट हो रही है. एक महीने पहले भी मुख्तार ने पॉइजन मिलाकर खाना देने का आरोप लगाया था. हालांकि, बांदा जेल के अधीक्षक ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया गया था. उनका कहना है कि मुख्तार अंसारी को खाना देने से पहले सिपाही और फिर डिप्टी जेलर खाना खाते हैं.