Umar Ansari On Mukhtar Ansari Death: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के निधन के बाद उनके बेटे छोटे उमर अंसारी ने कहा है कि उनके पिता की स्वाभिक मौत नहीं हुई, बल्कि उनकी सुनियोजित हत्या की गई. 


रविवार को द लल्लनटॉप ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें उमर अंसारी के साथ बातचीत दिखाई गई है. जब पूछा गया कि मुख्तार अंसारी की मौत की साजिश के पीछे कौन लोग हो सकते हैं तो उमर अंसारी ने कहा, ''स्पष्ट रूप से मैं नाम लूंगा माफिया डॉन बृजेश सिंह, दाऊद इब्राहिम का को-एक्यूज्ड, माफिया डॉन त्रिभुवन सिंह और जो भी अधिकारी इनसे सेट हैं सरकार के, वो और सरकार की भी मंजूरी, ये सबका मिला गणित है, ये केमिस्ट्री और मेथमेटिक्स सब मिलाकर है.''


पिता की मौत से बृजेश सिंह को लाभ होता दिख रहा- उमर अंसारी


उमर अंसारी ने कहा, ''ये कोई एक व्यक्ति के वश की बात नहीं, जेल में पॉइजन पहुंचाना, जेल में पॉइजन दिलवाना, तबीयत ज्यादा न खराब होने पर फिर पॉइजन दिलवाना, ये सबकुछ सबकी मिलीभगत से है, लाभ इससे साफ होता दिख रहा है बृजेश सिंह को.''


उमर अंसारी ने उसरी चट्टी कांड का किया जिक्र


उमर अंसारी ने उसरी चट्टी कांड का जिक्र किया और कहा कि जो लोग उस कांड में गवाह थे उन्हें 22 साल बाद एक नए मुकदमे में मुल्जिम बना दिया गया. उमर अंसारी ने कहा, ''15 जुलाई 2001 को इसी घर से मेरे फादर मऊ जा रहे थे अपने विधानसभा क्षेत्र और बीच में उसरी चट्टी पड़ता है. उसरी चट्टी कांड की बात कर रहे हैं. नौ लोग घायल हो गए. बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह ने एके-47 से हमला किया था.''


'बृजेश सिंह के खिलाफ हुईं गवाही'


उन्होंने कहा, ''नौ लोग घायल हो गए थे, तीन लोग मर गए थे, जिसमें मेरे फादर इंजर्ड विटनेस और वादी मुकदमा हैं. जिसमें 22 साल बाद अब गवाही शुरू हुई है और पिछले से इस साल के बाद सात गवाहियां गुजर चुकी हैं जो बृजेश सिंह के खिलाफ हैं, सातों. जिसमें गवाह ने जो कहा है वो अखबारों में है. स्पष्ट रूप से कहा है कि ये बृजेश सिंह थे, यही हम पर एके-47 से गोली चला रहे थे और विधायक जी को मारने के लिए गोली इससे इन्होंने चलाई थी. अब इस केस में अगर मुख्तार अंसारी जो वादी मुकदमा थे वो भी गवाही दे देते.''


गवाहों को तोड़ने की कोशिश की गई- उमर अंसारी


उमर अंसारी ने कहा, ''बहुत से गवाहों को तोड़ने की कोशिश की गई. जितने गवाह इस मुकदमे में थे उसरी कांड में उनको एक नया मुकदमा 22 साल बाद कायम कर दिया गया और उसमें उनको मुल्जिम बना दिया गया उन गवाहों को...''


बता दें कि मुख्तार अंसारी को गुरुवार (28 मार्च) को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी.


यह भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: भ्रष्टाचार पर हमले से कच्चाथीवू द्वीप तक... मेरठ में पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें