Mukhtar Ansari News: माफिया मुख्तार अंसारी का गुरुवार (28 मार्च) को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसके गुनाहों की चर्चा हो रही है. उत्तर प्रदेश की लखनऊ जेल में कभी जेलर रहे पूर्व अधिकारी शिव कुमार अवस्थी ने भी मुख्तार अंसारी से उनका पाला पड़ने का एक किस्सा मीडिया को बताया है. पूर्व जेलर के मुताबिक, एक बार मुख्तार अंसारी ने जेल के भीतर उन पर पिस्टल तक तान दी थी, जिसकी उन्होंने एएफआईआर कराई थी.
तलाशी लेने पर भड़क गया था मुख्तार अंसारी
पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी इंडिया टीवी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में पूरा वाकया बताया जब मुख्तार अंसारी ने उन पर पिस्टल तान दी थी. पूर्व जेलर ने बताया, ''मैं 2002 से और 2003 तक लगभग नौ महीने के दौर में लखनऊ डिस्ट्रिक्ट जेल में तैनात रहा हूं. मेरा होम डिस्ट्रिक्ट लखनऊ है. जेलर को अपने होम डिस्ट्रिक्ट पर पोस्टिंग नहीं की जाती है लेकिन मुझको किया गया क्योंकि मेरी छवि अपने में अलग रही. मेरा बहुत चिन्हित माफियाओं से पाला पड़ा... वैसे भी हम लोग जेल के जो अधिकारी होते हैं आदी हो जाते हैं इन लोगो को देखते हुए हर तरह का माफिया छोटा बड़ा, ऊंचा, नीचा हर तरह का आता रहता है तो एक दहशत का भाव तो खत्म हो जाता है...''
उन्होंने बताया, ''जब मैं यहां पर 2002 में ट्रांसफर होकर आया था सीतापुर जेल से, उस समय मुख्तार अंसारी जेल में बंद नहीं था, मुख्तार अंसारी दिल्ली से ट्रांसफर होकर यहां पर आया था और जेल के अंदर जब ये इंट्रेंस लेने लगा तो मैंने गेट पर ही इसकी सर्च करवाने के लिए आदेश दिया कि इसकी तलाशी ली जाए. जब इसकी तलाशी का प्रश्न आया तो ये बहुत असंतुष्ट हो गया और इसने मुझसे छूटते ही कहा कि आपकी हिम्मत कैसे पड़ रही है मेरी तलाशी कराते हुए. मेरी तलाशी लेने की तो अच्छे अच्छों की हिम्मत नहीं पड़ी. मैंने कहा कि मैं जेलर हूं, यहां पर कोई भी व्यक्ति आएगा तो मुझे आपकी भी सुरक्षा देखनी है और जेल की भी सुरक्षा देखनी है, हर चीज देखना है. इनकी तलाशी हुई है. ये चले गए.''
जब मुख्तार अंसारी ने जेलर पर तान दी थी पिस्टल
शिव कुमार अवस्थी ने बताया, ''एक बार इन्होंने (मुख्तार अंसारी) असलहा मंगवाया था और इनका आदमी कोई गेट पर लेकर उसको आया. मुलाकात के लिए उसने मुझसे रिक्वेस्ट की. मैंने कहा सॉरी मैं आपको जानता नहीं हूं, मैं परमिट नहीं करूंगा आपको जेल के अंदर. चूंकि ये (मुख्तार अंसारी) अलर्ट थे, इनको मालूम था कि आर्म कहीं पकड़ा न जाए तो ये तुरंत गेट पर आ गए. संजीव महेश्वरी जीवा भी साथ में था और ये लोग गेट पर आए और इन्होंने मुझसे कहा कि आपने हमारे आदमी को रोक दिया. मैंने कहा मैंने आदमी रोका नहीं, लेकिन मुझे तो आपकी भी चिंता है कि आप को कोई नुकसान न पहुंचा दे. उन्होंने कहा- नहीं, नहीं, आप इसको ले लीजिये.''
शिव कुमार अवस्थी ने बताया, ''मैंने कहा इसकी तलाशी लीजिए. उन्होंने कहा कि आप क्या कह रहे है, आप इसकी तलाशी लेंगे? मेरा आदमी है. मैंने कहा मैं जेलर हूं, मेरी ड्यूटी है, मैं किसी को बगैर तलाशी के अंदर नहीं जाने दूंगा. इन्होंने कहा कि ये मेरे दो आदमी अंदर आ रहे हैं, हिम्मत हो तो रोक कर दिखाइए. मैंने कहा इनकी हिम्मत हो तो एक बार बढ़कर दिखा दें दो कदम आगे. बात बढ़ती गई, इतना ज्यादा बढ़ गई. इन्होंने कहा कि मैं मूंछ मुंडवा दूंगा, बाहर निकलकर दिखाइये और इन्होंने उस व्यक्ति के पास से पिस्टल निकाल ली और मेरे ऊपर तान दी.''
पूर्व जेलर ने कहा, ''मेरा स्टाफ मुझे और दूसरा इनके जो व्यक्ति थे वो इनको पकड़ने लगे. पोजीशन यहां तक हो गई कि ये स्वत: कांपने लगे. ब्लड प्रेशर इनका हाई हो गया. खाना नहीं खाया इन्होंने. डॉक्टर बुलाया गया, चेक करवाया गया तो ऐसा नहीं है, हर व्यक्ति को डर तो लगता ही है. ये अपना समझ रहे हैं कि भावावेश में कृत्य कर तो दिया लेकिन इन्होंने उसका जब भविष्य सोचा कि आगे क्या होगा, मैं फंस जाऊंगा, तब मामला गड़बड़ा गया.''