Case Against Abbas Ansari: मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज मंगलवार (6 जून) को सुनवाई होनी है. अब्बास ने जमीन हथियाने के मामले में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमा रद्द करने की मांग की है. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इससे मना कर दिया था.


लखनऊ की जियामऊ में ज़मीन अवैध तरीके से हथियाने से जुड़े इसी मामले में मुख्तार के दूसरे बेटे उमर अंसारी को अग्रिम जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट 19 मई को मना कर चुका है.


क्या है मामला?


साल 2020 में उमर अंसारी और अब्बास अंसारी के खिलाफ लखनऊ के जियामऊ में जबरन जमीन कब्जाने के मामले में हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. आरोप है कि दोनों ने फर्जी दस्तावेज के जरिए जमीन पर कब्जा किया. फिर नगर निगम से निर्माण के लिए हरी झंडी ले ली और इस पर बिल्डिंग बना भी बना डाली.


इसी मामले में उमर अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट से भी उमर को झटका लगा था. 


मुख्तार अंसारी को 32 साल की सजा


एक दिन पहले ही सोमवार (5 जून) को मुख्तार अंसारी को वाराणसी की कोर्ट ने 32 साल पुराने हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी में घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा था. मुख्तार अंसारी ने जब अपराध किया तब वह विधायक नहीं था. इसी साल अप्रैल में मुख्तार अंसारी को अपहरण और हत्या के एक अन्य मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी.


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