मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, HC की 7 साल की सजा पर लगाई रोक
लखनऊ जिला जेल के जेलर एसके अवस्थी ने अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने के लिए धमकी देने का आरोप लगाते हुए आलमबाग पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
Mukhtar Ansari News: बाहुबली मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 2003 में लखनऊ जेल के जेलर को धमकाने और हत्या के प्रयास मामले में हाई कोर्ट से मिली 7 साल की सजा के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई है. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बावजूद मुख्तार अंसारी को फिलहाल अपने खिलाफ चल रहे दूसरे मामलों के चलते जेल में ही रहना पड़ेगा.
हाई कोर्ट ने 21 सितंबर को मुख्तार अंसारी को मामले में बरी करने के निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था और उन्हें धारा 353 (सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 504 के तहत दोषी पाया था. अंसारी छह चुनावों में मऊ से विधायक चुने गए थे.
इन धाराओं में सुनाई थी सजा
हाई कोर्ट ने पूर्व विधायक को धारा 353 के तहत अपराध के लिए दो साल के सश्रम कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना और धारा 504 के तहत अपराध के लिए दो साल की जेल और 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. अदालत ने धारा 506 के तहत अपराध के लिए अंसारी को सात साल की जेल और 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
जेलर ने लगाए थे ये आरोप
यह मामला 2003 का है, जब लखनऊ जिला जेल के जेलर एसके अवस्थी ने अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने के लिए धमकी देने का आरोप लगाते हुए आलमबाग पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. अवस्थी ने यह भी आरोप लगाया कि अंसारी ने उन पर पिस्तौल तान दी और उनके साथ दुर्व्यवहार किया.
पूर्व विधायक अंसारी वर्तमान में बांदा जेल में बंद हैं. हाई कोर्ट ने अंसारी को दोषी ठहराते हुए कहा था कि उसकी एक खूंखार अपराधी और माफिया डॉन के रूप में प्रतिष्ठा है, जिसके खिलाफ जघन्य अपराधों के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं.
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