Mukhtar Ansari News: गैंगस्टर से माफिया फिर डॉन और बाद में राजनेता बने मुख्तार अंसारी के रोपड़ जेल में अय्याशी का किस्सा एबीपी न्यूज में दिखाया गया. इस खुलासे में यह साबित होता है कि आखिर कैसे तत्कालीन पंजाब सरकार ने न सिर्फ मुख्तार को विशेष सुविधाएं कराईं बल्कि उसके लिए नियमों की भी धज्जियां उड़ा दी. 


इसके अलावा इस खुलासे में यह भी पता चला है कि इन नियमों में यह बदलाव सिर्फ मुख्तार के लिए ही नहीं हुआ था बल्कि उसके दो गुर्गों जिसमें एक चंद्रिका उर्फ चंदू था तो दूसरे का नाम राहुल था. रोपड़ की जेल में मुख्तार के राइट और लेफ्ट हैंड दोनों यही गुर्गे थे जो जेल में उसकी अदालत लगाने का काम संभालते थे. इनकी कहानी काफी भी काफी दिलचस्प है.


दोनों गुर्गों ने दर्ज कराया खुद के खिलाफ केस
मुख्तार के इन गुर्गों ने सबसे पहले मुख्तार की मदद के लिए खुद के खिलाफ केस दर्ज करवाए औऱ फिर डॉन के संबंधों का इस्तेमाल करते हुए वह रोपड़ जेल पहुंच गए. जेल पहुंचने के बाद दोनों नेता अपने आका की खातिरदारी करने लगे. ये खुराफात राहुल और चंदु ने मुख्तार से ही सीखी थी.  राहुल और चंदू रोज जेल में अपने आका का दरबार लगाते थे. मुख्तार करवट भी लेता तो राहुल और चंदू के कान खड़े हो जाते. 


मुख्तार की ऐशगाह थी रोपड़ जेल
पंजाब सरकार की रिपोर्ट बताती है कि मुख्तार के खिलाफ की गई चीजों ने मुख्तार से दूरी उसके कनेक्शन से पूरी कर दी. रोपड़ की जेल मुख्तार की ऐशगाह बन चुकी थी. मुख्तार जेल में बैठ कर जुर्म का साम्राज्य खुद चलाता था. पंजाब सरकार की इनवेस्टिगेशन रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मुख्तार के लिए रोपड़ के तत्कालीन एसएसपी ने जेल में पुलिस वालों को गार्ड की तरह डॉन की सुरक्षा में लगाया. 


जेल में पत्नी से मिलता था मुख्तार
इस तैनाती के लिए पंजाब पुलिस ने मुख्तार अंसारी के क्रिमिनल पास्ट और सिक्योरिटी थ्रेट का हवाला दिया लेकिन असल में ये सबकुछ डॉन के राजनीतिक रसूख की वजह से हो रहा था. रोपड़ जेल के जेलर ऑफिस के फर्स्ट फ्लोर पर एक रूम रेनोवेट हुआ था. बताया जाता है कि मुख्तार इसी रूम में अपनी पत्नी से मुलाकात करता था. जेल के दफ्तर में मुख्तार अपनी बीवी से मिलता था इसकी गवाही जेल कर्मियों ने खुद दी है.


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