मुकुल राय ने एक बार फिर घर वापसी करते हुए शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन करेंगे. इससे पहले वे अपने घर से तृणमूल भवन के लिए निकले थे, जहां पर वे टीएमसी का दामन थामेंगे. मुकुल रॉय ने 2017 के नवंबर में भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया था. उनका पार्टी छोड़ना बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है क्योंकि ऐसा माना जा रहा था कि उन्होंने राज्य में बीजेपी को ज्वाइन करने के बाद से भगवा पार्टी को काफी मजबूत किया है.


बीजेपी ज्वाइन करने से पहले तक मुकुल रॉय टीएमसी में ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर की हैसियत रखते थे और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. मुकुल रॉय ने काफी दिनों से भारतीय जनता पार्टी के साथ दूरियां बना ली थी. हाल में बंगाल बीजेपी की बैठक के दौरान भी शौमिक भट्टाचार्य और मुकुल रॉय उसमें नहीं गए थे. पिछले कई दिनों से मुकुल रॉय के टीएमसी ज्वाइन करने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी.






इससे पहले, जिस वक्त मुकुल रॉय की पत्नी जिस वक्त कोरोना पॉजिटिव थीं और अस्पताल में इलाज करवा रही थीं, उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी के अस्पताल में पहुंचने के बाद उनको लेकर सियासी कयासबाजी और तेज हो गई थी. मुकुल रॉय के बेटे ने इसके लिए ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया था.


गौरतलब है कि हाल में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी समेत कई दूसरे दलों के नेताओं ने बीजेपी को ज्वाइन किया था. लेकिन बंगाल में बीजेपी की करारी शिकस्त के बाद अब कई नेता धीरे-धीरे अब पार्टी से दूरी बनाते हुए दिख रहे हैं. बहरहाल, मुकुल रॉय जाने पर यह बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है.



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