बीजेपी छोड़ टीएमसी में वापसी करने वाले मुकुल रॉय के वकील ने रॉय की अचानक बीमारी के आधार पर कलकत्ता हाई कोर्ट से समय मांगा है. रॉय के वकील ने 4 सप्ताह के स्थगन की प्रार्थना की, जिसका याचिकाकर्ता के वकील ने विरोध किया. कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने पूछा कि रॉय ने इतना लंबा समय क्यों मांगा?


रॉय के वकील ने कहा कि पीएसी अध्यक्ष बीमार हैं  इसलिए उनकी ओर से कोई निर्देश नहीं मिला है. कोर्ट ने कहा कि इतना लंबा समय नहीं दिया जा सकता. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 10 सितंबर 2021 तय की है. बता दें, यह मामला एक बीजेपी विधायक से संबंधित है जिसने पीएसी के अध्यक्ष के रूप में मुकुल रॉय की नियुक्ति को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की थी जो कि कृष्णानगर उत्तर के विधायक रॉय के रूप में टीएमसी में शामिल हो गए थे.


मुकुल रॉय कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती


याचिका रॉय को पीएसी अध्यक्ष होने को चुनौती देती है जिसे आमतौर पर विपक्षी दल में नियुक्त किया जाता है. मुकुल रॉय को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मुकुल रॉय को गुरुवार को अस्पताल ले जाया गया. गुरुवार को जब मुकुल रॉय को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया तो उनके साथ उनके सुरक्षाकर्मी और अन्य लोग भी थे. मुकुल रॉय को भर्ती के लिए अस्पताल में घूमते देखा गया, जो उनके सुरक्षा अधिकारियों से घिरा हुआ था.


जून में, मुकुल रॉय, जो बीजेपी विधायक और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ने के चार साल बाद भगवा खेमे में शामिल होने के बाद टीएमसी में लौट आए.


यह भी पढ़ें.


Taliban New Government: अफगानिस्तान में आखिरकार तालिबान की नई सरकार, एक क्लिक में जानें सब कुछ


तालिबान की कैबिनेट पर पाकिस्तान की छाप, जानें- कैसे कटा मुल्ला बरादर का पत्ता और हक्कानी को मिली अहम जिम्मेदारी