मुलायम की बहू अपर्णा यादव ने किया NRC का समर्थन, कहा- जो भारत का है, उसे क्या समस्या है?
यह पहला मौका नहीं, जब अपर्णा यादव ने मोदी सरकार के फैसले का खुला समर्थन किया हो. इससे पहले भी वह स्वच्छता अभियान पर केंद्र सरकार का समर्थन कर चुकी हैं.
लखनऊ: देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजंस (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा गरमाया हुआ है. इन मामलों के लेकर लगातार पार्टी और नेताओं की प्रतिक्रियाए आ रही हैं. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव अनआरसी और सीएए को लेकर मोदी सरकार के समर्छन में आ गई हैं. एक तरफ जहां पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं तो वहीं उन्हीं की परिवार की सदस्य इसका समर्थन कर रही हैं.
अपर्णा ने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखा, ''जो भारत का है, उसे रजिस्टर में अंकित होने में क्या समस्या है? अपने ट्वीट में उन्होंने जामिया मिल्लिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और 16 दिसंबर के हैशटैग का इस्तेमाल किया.
#JamiaMilia #NRCBill #NRCProtest #AligarhMuslimUniversity #16December जो भारत का है उसे रेजिस्टर में अंकित होने में क्या समस्या है ?!
— Aparna Bisht Yadav (@aparnabisht7) December 16, 2019
अपर्णा ने एनआरसी को लेकर हो रहे विरोध पर भी सवाल उठाए हैं. फेसबुक और ट्विटर पर अपने अकाउंट से पोस्ट कर उन्होंने सवाल उठाया कि जो भारत का है, उसे अपना नाम रजिस्टर में दर्ज कराने में क्या परेशानी है.
अपर्णा सपा की सदस्य हैं और साल 2017 में उन्होंने पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. एनआरसी के मुद्दे पर अपर्णा और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की राय अलग-अलग है.
अखिलेश ने क्या कहा?
भाजपा सरकार ने अपने विध्वंसकारी क़ानून से देश के वर्तमान को हिंसा की आग में झोंक दिया है और विद्यार्थियों पर हमले करके देश के भविष्य पर प्राणांतक चोट की है. कहते हैं जब लोग हारने लगते हैं तो वो दमनकारी हो जाते हैं.
भाजपा जैसी सत्ता की भूख भारत के इतिहास ने पहले कभी नहीं देखी.
देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और विवादास्पद नागरिकता कानून के खिलाफ सोमवार को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन का समर्थन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी करते नजर आए. कहीं-कहीं ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, तो कहीं इसने हिंसक रूप ले लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन प्रदर्शनों को दुखद एवं निराशाजनक बताया और शांति की अपील की.
जामिया के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और नागरिकता कानून के खिलाफ गुस्से का असर उत्तर प्रदेश से लेकर केरल और महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल तक में देखा गया. जामिया के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष एकजुट हो गया.
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जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन