(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मारे गए मुलायम! जब 1984 में गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच मचा नेताजी की हत्या का हल्ला
Mulayam Singh Attacked In 1984: एक समय मुलायम सिंह यादव कांग्रेस के लिए चुनौती बनते नजर आ रहे थे. यह वही समय था जब उनपर हमला हुआ था.
Mulayam Singh Yadav Death: हत्या की साजिश, 9 गोलियां और मुलायम सिंह यादव के मारे जाने का हल्ला. यह उस वक्त की बात है जब खबर पहुंचने में समय लगता था. किसी का हाल चाल पूछने के लिए आप फोन का सहारा नहीं ले सकते थे. बात है 1984 की जब मुलायम सिंह यादव को निशाना बनाया गया था. उनकी कार के आगे चल रही बाइक में सवार लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं. मुलायम अपना रैली खत्म कर दोस्त से मिलकर वापस मैनपुरी लौट रहे थे. क्या मालूम था की रास्ते में उन्हें मारने की पूरी साजिश रची गई थी. इन गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच हर तरफ हल्ला था कि 'मुलायम मारे गए'.
जब आंधे घंटे बाद गोलियों की आवाज शांत हुई. तब मुलायम सिंह यादव को उनके सुरक्षाकर्मी एक जीप में पुलिस स्टेशन लेकर गए. लोगों को भी खबर मिल चुकी थी कि वह एकदम ठीक हैं. हालांकि, सवाल उठने शुरू हो गए थे कि आखिर उनपर हमला करने की वजह क्या रही. दरअसल, मुलायम उस वक्त कांग्रेस के लिए मुसीबत बनते जा रहे थे. उन्होंने कांग्रेस को टक्कर देना शुरू कर दिया था.
कांग्रेस के लिए चुनौती
मुलायम सिंह एक ऐसे नेता रहे हैं, जिनकी बातों को विरोधी दल भी मानता था. कई बार विरोधी नेता उनसे राजनैतिक मदद भी लेते थे, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब कांग्रेस के लिए वह मुसीबत बनते जा रहे थे. केंद्र और राज्यों की सत्ता में कांग्रेस का दबदबा था. ऐसे में कांग्रेस को मुलायम का चुनौती देना रास नहीं आया. यही कारण था कि उनकी कार पर दुश्मनों की नो गोलियां दागी गई थी.
7 मार्च 1984 का अखबार
7 मार्च को अखबारों में इसे लेकर खबरें छपी थी. उस दिन के जनसत्ता ने लिखा था कि 4 मार्च को लोकतांत्रिक मोर्चा के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर जान से मारने के लिए उनपर हमला किया गया. छोटेलाल नाम का व्यक्ति जो मुलायम सिंह यादव की कार के आगे बाइक से चल रहा था. उसी ने मुलायम सिंह यादव पर गोली चलाई, लेकिन मौके पर सुरक्षाकर्मियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया. इस हादसे में दूसरे हमलावर नेत्रपाल को गंभीर चोटें आई थी.
आधे घंटे तक चली थी गोलियां
मुलायम ने खुद इस हादसे को लेकर कहा था कि वह जब अपने दोस्त से मिलकर रात 9.30 बजे मैनपुरी के लिए निकले तो लगभग 800 मीटर से एक किलोमीटर की यात्रा तय करने के बीच ही उनकी कार के सामने गोली चलने लगी थी. इस दौरान उनकी गाड़ी में भी आग लगी थी. यादव के साथ आए पुलिसकर्मियों ने जवाबी फायरिंग की और करीब आधे घंटे बाद गोलियों की आवाज बंद हुई.
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