Mulayam Singh Yadav Death: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) अब इस दुनिया में नहीं हैं. 10 अक्टूबर को निधन होने के बाद उनका मंगलवार (11 अक्टूबर) को अंतिम संस्कार कर दिया गया. पूर्व रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के तीन बार सीएम (CM) रहे मुलायम सिंह मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. उनके बेटे और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उन्हें मुखाग्नि दी.


लोहिया के शिष्य रहे मुलायम सिंह यादव के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में उनके समर्थक सैफई पहुंचे थे. 82 साल की उम्र में मुलायम सिंह यादव का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में 10 अक्टूबर को निधन हो गया था.


कुश्ती के साथ सियासी अखाड़े में भी सफल


देश के पूर्व रक्षा मंत्री और यूपी के तीन बार सीएम रह चुके मुलायम सिंह यादव को लेकर सियासी गलियारों में कई किस्से काफी मशहूर थे. ऐसा कहा जाता है कि मुलायम सिंह के ज्यादातर दलों के नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते रहे थे. कुश्ती में माहिर मुलायम सिंह यादव सियासी अखाड़े में भी उतने ही सफल रहे थे. साल 2002 में जब एनडीए की सरकार ने राष्ट्रपति पद के लिए एपीजे अब्दुल कलाम का नाम आगे बढ़ाया था तो वामपंथी पार्टियों ने विरोध जताते हुए कैप्टन लक्ष्मी सहगल को उतारा था.


जब सीधे पीएमओ पहुंच गए थे नेताजी


मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने आखिरी वक्त में वामपंथियों का समर्थन छोड़ते हुए एपीजे अब्दुल कलाम की राष्ट्रपति उम्मीदवारी (Presidential Candidate) को लेकर अपनी मुहर लगा दी थी. अमर सिंह (Amar Singh) मुलायम सिंह यादव के खास दोस्त रहे थे. अमर सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि कैसे नेताजी पीएमओ पहुंच गए थे और फिर उनकी सलाह से विचार विमर्श करने के बाद तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रपति पद के लिए कलाम के नाम पर मुहर लगाई थी. सभी की सहमति के बाद एपीजे अब्दुल कलाम देश के राष्ट्रपति बने थे.


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