एक्सप्लोरर

Mulayam Singh Yadav: यूपी की सियासत के 'लाल' मुलायम, जानें कैसे कल्‍याण के 'भगवा' और कांशीराम के 'नीले' से रही सियासी जंग

Mulayam Singh Yadav Story: मुलायम सिंह यादव को राजनीतिक पार्टी बनाने की सलाह बीएसपी संस्थापक कांशीराम ने दी थी. वहीं, राजनीति से उलट बीजेपी नेता कल्याण सिंह से उनकी गहरी दोस्ती रही.

Mulayam Singh Yadav Political Story: समाजवादी पार्टी  (Samajwadi Party) के संस्थापक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का सोमवार (10 अक्टूबर) को निधन हो गया. 82 वर्ष की उम्र में उन्होंने गुरुग्राम (Gurugram) के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में अंतिम सांस ली. उत्तर प्रदेश की सियासत में एक समय उनका दबदबा रहा. मुलायम सिंह यादव के यूपी की सियासत का 'लाल' बनने के पीछे कई लोगों का हाथ रहा लेकिन बहुजन समाज पार्टी (BSP) के संस्थापक और दिवंगत नेता कांशीराम (Kanshi Ram) का खासा योगदान माना जाता है. कहा जाता है कि कांशीराम ने ही मुलायम सिंह यादव को राजनीतिक पार्टी बनाने की सलाह दी थी. इसके बाद 4 अक्टूबर 1992 को उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की. 

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत नेता कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के साथ मुलायम सिंह यादव की दोस्ती रही. हालांकि, राजनीति के अखाड़े में दोनों कड़े प्रतिद्वंदी रहे. कुछ समय के लिए कल्याण सिंह ने बिना समाजवादी पार्टी में शामिल हुए मुलायम सिंह का साथ भी दिया. दोस्ती अपनी जगह रही लेकिन कल्‍याण के 'भगवा' और कांशीराम के 'नीले' से मुलायम की सियासी जंग अपनी जगह रही. 

जब बीजेपी के समर्थन से मुलायम बने थे यूपी के मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश की 1977 की जनता पार्टी की सरकार में मुलायम और कल्याण सिंह दोनों कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे. मुलायम सिंह यादव को पशुपालन मंत्री की जिम्मेदारी मिली तो कल्याण सिंह को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था. 

1980 में मुलायम सिंह यादव लोक दल के यूपी अध्यक्ष बनाए गए थे. बाद में लोकदल, जनता दल का हिस्सा बन गया था. 1989 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव हुआ तो लोकदल 'ए' और लोकदल 'बी' के साथ गठबंधन वाले जनता दल ने 208 सीटें जीती थीं. इस चुनाव में बीजेपी को 57 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी ने जनता दल को बाहर से समर्थन दिया था. बीजेपी के समर्थन से जनता दल ने यूपी में सरकार बना ली और 5 दिसंबर 1989 को मुलायम सिंह यादव ने पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

काशीराम ने मुलायम को दी नई पार्टी बनाने की सलाह

जिस बीजेपी के समर्थम से मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, चार साल बाद उसी को उन्होंने ने सत्ता से बेदखल कर दिया था. देखा जाए तो इसकी स्क्रिप्ट बहुजन समाज का आंदोलन चला रहे नेता कांशीराम ने लिख दी थी.

दरअसल, 1988 में कांशीराम ने एक साक्षात्कार में कहा था कि मुलायम सिंह यादव अगर उनसे हाथ मिला लें तो यूपी में बाकी दल नहीं टिक पाएंगे. कांशीराम दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज की राजनीति कर रहे थे और मुलायम सिंह यादव भी अन्य पिछड़ा वर्ग से आते थे. बीबीसी के मुताबिक, कांशीराम का साक्षात्कार पढ़ने के बाद मुलायम दिल्ली स्थित उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंच गए. इस दौरान कांशीराम ने मुलायम के सामने नए बनते राजनीतिक समीकरण का खाका पेश किया और उन्हें नई पार्टी बनाने की सलाह दी.

बीएसपी के समर्थन से मुलायम बने मुख्यमंत्री

इस दौर में बीएसपी भी सियासत में अपनी वजूद बनाने के लिए संघर्ष कर रही थी. 1989 के चुनाव में बीएसपी को 13 और 1991 के चुनाव में 12 सीटों पर ही जीत मिली थी. कांशीराम को लग रहा था कि मुलायम के साथ आ जाने से सियासी समीकरण बदल जाएगा और सफलता मिलेगी. कांशीराम की सोच के मुताबिक ही परिणाम तब सामने आए जब दोनों ने गठबंधन कर लिया और 1993 का यूपी विधानसभा का चुनाव साथ में लड़ा. 

इस दौरान यूपी की राजनीति में अयोध्या के राम मंदिर का मुद्दा गरमाया हुआ था क्योंकि 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी. बीजेपी और हिंदूवादी संगठन जय श्रीराम का नारा बुलंद कर रहे थे. बाबरी मस्जिद कांड के बाद यूपी में राष्ट्रपति शासन भी लगा था जो 4 दिसंबर 1993 तक जारी रहा. 

1993 में यूपी के विधानसभा चुनाव में बीएसपी 256 और समाजवादी पार्टी ने 164 सीटों पर उतरी. मुलायम के हाथ मिलाने से बीएसपी-एसपी गठबंधन को सफलता मिली. मुलायम के दोस्त और यूपी के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को कुर्सी गंवानी पड़ी. मुलायम सिंह यादव एक बार फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. बीएसपी ने सरकार बनाने में एसपी को बाहर से समर्थन दिया था. 

जब कांशीराम-मुलायम की दोस्ती में आई दरार

चुनाव के दरमियान जब बीजेपी और हिंदूवादी संगठन जय श्रीराम का नारा लगा रहे थे तो बीएसपी-एसपी कार्यकर्ता इसके जवाब में नया नारा लेकर आए थे. बीएसपी-एसपी के कार्यकर्ता नारा लगा रहे थे ''मिले मुलायम-कांशीराम, हवा हो गए जय श्रीराम.'’ हालांकि, बीएसपी और एसपी का गठबंधन ज्यादा दिन नहीं चल सका. मुलायम और कांशीराम की दोस्ती में तल्खी की खबरें आने लगीं. 2 जून 1995 को बीएसपी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया. इससे मुलायम सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई. इस दौरान समाजवादी पार्टी सरकार बचाने के लिए संघर्ष कर रही थी. 

इस दौरान खबर आई कि एक गेस्ट हाउस में समाजवादी पार्टी के कुछ दबंग नेताओं ने मायावती के साथ बदसलूकी की. इसके बाद एसपी और बीएसपी के बीच दूरिया इतनी बढ़ती गईं कि दोनों दल एक दूसरे के दुश्मन नजर आने लगे. समाजवादी पार्टी की सरकार गिरने के बाद 1995 में फिर यूपी के चुनाव हुए. बीएसपी ने इसमें जीत दर्ज की. कांशीराम ने खुद मुख्यमंत्री न बनकर मायावती को सीएम बना दिया. इस प्रकार मायावती पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं. 

मायावती ने अखिलेश से मिलाया हाथ

2019 में बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए मायावती ने एक बार फिर पुरानी कटुता भुलाकर अखिलेश यादव से हाथ मिलाया. उन्होंने जब अखिलेश से हाथ मिलाया तो गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करना नहीं भूलीं. इस चुनाव में बीएसपी-एसपी गठबंधन कोई कमाल नहीं दिखा सका और बीजेपी ने सरकार बना ली.

कल्याण सिंह से मुलायम की दोस्ती और गठबंधन

बीजेपी से समाजवादी पार्टी का छत्तीस का आंकड़ा होने के बावजूद कल्याण सिंह से मुलायम सिंह की दोस्ती बरकार रही. 1999 में कल्याण सिंह अचानक अखिलेश यादव की शादी में पहुंच गए थे. 2002 में ऐसी खबर आने लगी कि कल्याण सिंह बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में जाने वाले हैं. ऐसा तो नहीं हुआ लेकिन कल्याण सिंह ने अपने अलग राजनीतिक दल 'राष्ट्रीय क्रांति पार्टी' की घोषणा की. 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले कल्याण सिंह ने अपनी पार्टी का समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि मुलायम सिंह ने एक मौके पर इस गठबंधन को भूल बताते हुए जनता से माफी मांगी.

ये भी पढ़ें

मुलायम सिंह को याद कर भावुक हुए लालू यादव, सुनाया 'तिलक चढ़ाने' वाला किस्सा

Mulayam Singh Yadav Death Live: प्रियंका गांधी ने अखिलेश यादव से फोन पर की बात, मुलायम सिंह यादव के निधन पर जताया शोक

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Marital Rape Row: मैरिटल रेप को क्यों क्राइम नहीं मानना चाहती मोदी सरकार? SC से कह दीं ये 3 बड़ी बात
मैरिटल रेप को क्यों क्राइम नहीं मानना चाहती मोदी सरकार? SC से कह दीं ये 3 बड़ी बात
'फैक्ट्स से हुआ खिलवाड़, फिर गढ़ा...', IRF रिपोर्ट खारिज कर इंडिया ने US को सुनाई खरी-खरी
इस रिपोर्ट के जरिए US ने देना चाहा 'ज्ञान' तो इंडिया ने कड़े शब्दों में दिखा दिया आईना!
नवरात्रि पर Shraddha Kapoor का 'स्त्री शक्ति' का जश्न, फैंस को अलग अंदाज में भेजी शुभकामनाएं
नवरात्रि पर श्रद्धा कपूर का 'स्त्री शक्ति' का जश्न, फैंस को अलग अंदाज में भेजी शुभकामनाएं
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव? सामने आया बड़ा अपडेट
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव? सामने आया बड़ा अपडेट
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Haryana Election: हरियाणा के नूंह में बुलडोजर से बरसे नोट, वीडियो वायरल | ABP NewsHaryana Elections: मतदान के पहले BJP छोड़ Congress में शामिल हुआ ये बड़ा नेता | Ashok TanwarBadall Pe Paon Hai Cast Interview: क्या Baani को छोड़ हमेशा के लिए Lavanya का हो जाएगा Rajat?Asim Riaz के Rude होने पर क्या कहते हैं Karanveer Mehra? Sana Makbul ने Boyfriend को किया रंगे हाथ पकड़ने का दावा

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Marital Rape Row: मैरिटल रेप को क्यों क्राइम नहीं मानना चाहती मोदी सरकार? SC से कह दीं ये 3 बड़ी बात
मैरिटल रेप को क्यों क्राइम नहीं मानना चाहती मोदी सरकार? SC से कह दीं ये 3 बड़ी बात
'फैक्ट्स से हुआ खिलवाड़, फिर गढ़ा...', IRF रिपोर्ट खारिज कर इंडिया ने US को सुनाई खरी-खरी
इस रिपोर्ट के जरिए US ने देना चाहा 'ज्ञान' तो इंडिया ने कड़े शब्दों में दिखा दिया आईना!
नवरात्रि पर Shraddha Kapoor का 'स्त्री शक्ति' का जश्न, फैंस को अलग अंदाज में भेजी शुभकामनाएं
नवरात्रि पर श्रद्धा कपूर का 'स्त्री शक्ति' का जश्न, फैंस को अलग अंदाज में भेजी शुभकामनाएं
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव? सामने आया बड़ा अपडेट
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव? सामने आया बड़ा अपडेट
Womens T20 World Cup 2024: टीम इंडिया को किससे मिलेगी टक्कर? कौन है खिताब का सबसे बड़ा दावेदार
टीम इंडिया को किससे मिलेगी टक्कर? कौन है खिताब का सबसे बड़ा दावेदार
ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच सोना-चांदी के रिकॉर्डतोड़ भाव, क्या अब भी खरीदारी का वक्त- जानें एक्सपर्ट्स से
ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच सोना-चांदी के रिकॉर्डतोड़ भाव, क्या अब भी खरीदारी का वक्त- जानें एक्सपर्ट्स से
सुहागरात से पहले 20 हजार रुपये मांगने लगी दुल्हन, पुलिस को फोन कर बुलाया दूल्हे के घर
सुहागरात से पहले 20 हजार रुपये मांगने लगी दुल्हन, पुलिस को फोन कर बुलाया दूल्हे के घर
Weather Update: व्रत-त्योहार के बीच बारिश बिगाड़ेगी आपके प्लान? जानें, मौसम पर क्या कहता है IMD का ताजा अपडेट
व्रत-त्योहार के बीच बारिश बिगाड़ेगी सारे प्लान? जानें, मौसम पर क्या कहता है IMD का अपडेट
Embed widget