नई दिल्ली: मुलायम सिंह एक बार फिर अपने बेटे अखिलेश यादव को लेकर मुलायम हो गए. लोग न जाने क्या क्या सोच रहे थे लेकिन नाराज़ और दुखी पिता ने अपने बेटे को आशीर्वाद दे ही दिया. मुलायम बोले, "मैं कोई नई पार्टी नहीं बनाऊँगा " वे अखिलेश यादव के फ़ैसलों से दुखी ज़रूर हैं. मुलायम ने कहा कि जिस समाजवादी पार्टी को मैंने 1992 में बनाया उसके प्रदेश सम्मेलन में उन्हें बुलाया तक नहीं गया था. लेकिन कार्यकर्ताओं से उन्होंने पार्टी को मज़बूत करने की अपील की.
मुलायम सिंह यादव आज लखनऊ के लोहिया ट्रस्ट ऑफ़िस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. अपने साथ वे चार पन्नों का एक लिखित बयान भी लाए थे. मुलायम ने ऐलान किया कि वे जल्द ही समान विचारधारा वाले लोग और पार्टियों का एक मोर्चा बनायेगें. उन्होंने कहा "वक़्त आने पर बताऊंगा मैं अखिलेश के किस फैसले से सहमत नहीं हूँ " मुलायम ने बताया कि 25 सितंबर को पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में वे नहीं जायेंगें. लंबे समय से पिता पुत्र में बातचीत बंद है. दोनों मीडिया के ज़रिए अपनी बात कहते हैं.
इसी साल जनवरी महीने में मुलायम को हटा कर अखिलेश ख़ुद पार्टी के अध्यक्ष बन गए थे. मुलायम ने फिर वही बात दुहराई कि जो बेटा अपने बाप का नहीं हुआ वो किसी और का क्या होगा ? पीएम नरेन्द्र मोदी ने यूपी चुनाव के दौरान ऐसा कहा था. आज के मुलायम सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर लोग तरह तरह की बातें कह रहे थे.
शिवपाल यादव के समर्थक ये मान रहे थे कि नेता जी अलग पार्टी बना लेंगे. लेकिन अखिलेश को लोग बता रहे थे बाप बेटे में सब ठीक रहेगा. हुआ भी वही. मुलायम ने फिर सब को गोल गोल घुमा दिया.
मुलायम जब पत्रकारों से बात कर रहे थे, अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दिया "नेताजी ज़िंदाबाद, समाजवादी पार्टी ज़िंदाबाद.'' अब अखिलेश से नाराज़ चल रहे उनके चाचा शिवपाल यादव क्या करें? बीजेपी में भी उनकी दाल नहीं गली. वैसे मुलायम कब क्या कर लें किसी को नहीं पता. अखिलेश से उनके रिश्तों की भी महिमा अपरंपार है.