वैष्णो देवी के रास्ते पर चलने वाले खच्चरों को मिलेगी रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान, घटाई जाएगी संख्या
जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कमिटी के प्रस्ताव पर संतोष जताया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 1 हफ्ते में रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी.
![वैष्णो देवी के रास्ते पर चलने वाले खच्चरों को मिलेगी रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान, घटाई जाएगी संख्या Mules operating to Vaishno Devi shrine to get RFID tags: SC told वैष्णो देवी के रास्ते पर चलने वाले खच्चरों को मिलेगी रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान, घटाई जाएगी संख्या](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2017/11/13123458/vaishno-devi.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: वैष्णो देवी के रास्ते पर चलने वाले खच्चरों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग लगाया जाएगा. जम्मू कश्मीर सरकार की तरफ से गठित कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि इसका मकसद गैरकानूनी तरीके से चलने वाले खच्चरों को रोकना है. कमिटी ने यह भी बताया है कि आने वाले 10 सालों में खच्चरों की संख्या 4600 से घटाकर 2500 कर दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में वैष्णो देवी के रास्ते और आसपास खच्चरों से होने वाली गंदगी पर सवाल उठाया गया था. कहा गया था कि इनके मल से न सिर्फ रास्ते में गंदगी फैल रही है, बल्कि वहां बहने वाली बाणगंगा नदी का पानी भी मैला हो रहा है. याचिका में इस रास्ते से खच्चरों को पूरी तरह से हटाने की मांग की गई थी.
राज्य सरकार और वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इससे पहले याचिका का जवाब देते हुए कहा था कि मंदिर जाने के लिए नया रास्ता बना दिया गया है. इसमें बैटरी चालित गाड़ी का चलना संभव है. लेकिन खच्चरों को पूरी तरह नहीं हटाया जा सकता, क्योंकि इनसे हजारों लोगों का रोजगार चल रहा है. इस पर कोर्ट ने पूछा था कि उनकी संख्या में कमी लाने को लेकर सरकार क्या कदम उठाना चाहती है. इसी का जवाब आज दिया गया है.
राज्य सरकार की तरफ से गठित कमिटी मैं राज्यपाल के तीन वरिष्ठ सलाहकार और राज्य के मुख्य सचिव शामिल हैं. कमिटी ने आज प्रस्ताव दिया कि हर साल खच्चरों की संख्या में 175 की कमी की जाएगी. इस तरह 10 साल में संख्या 4600 से 2500 हो जाएगी. कमिटी ने यह भी कहा कि जब संख्या 2500 हो जाएगी, तब भी इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि एक समय में पूरे रास्ते में 2,000 से ज्यादा खच्चर न चलें.
कमिटी की तरफ से यह भी बताया गया कि खच्चरों को रखने के लिए अलग से शेड बनाए जाएंगे. खच्चरों में बीमारी फैलने से रोकने के लिए पशु स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात की जाएंगी. अवैध तरीके से खच्चर चलने से रोकने के लिए खच्चरों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग लगाया जाएगा. इस परियोजना का खर्च राज्य सरकार और श्राइन बोर्ड मिलकर उठाएंगे. एक तिहाई हिस्सा राज्य सरकार का होगा, और दो तिहाई हिस्सा श्राइन बोर्ड का. कोर्ट को ये भी बताया गया कि बेरोजगार होने वाले खच्चर मालिक को पुनर्वास के लिए अलग अलग सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.
जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कमिटी के प्रस्ताव पर संतोष जताया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 1 हफ्ते में रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी.
देश और दुनिया की बड़ी खबरें देखें-
यह भी पढ़ें-
मोहन भागवत का BJP विरोधियों को जवाब, कहा- ‘नागपुर से नहीं चलती सरकार, मांगने पर ही देते हैं सलाह’
पिता की लाश पर रोते बच्चे के लिए पसीजा लोगों का दिल, ट्विटर कैंपेन से जुटाए गए ₹ 26 लाख
राफेल सौदाः कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछा- अगर विमान UPA से सस्ता खरीदा तो 126 के बजाए 36 ही क्यों?
करतारपुर कॉरीडोर पर सिद्धू और बीजेपी आमने-सामने, हरसिमरत कौर ने साधा निशाना
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)